ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बेंचने वाला विजय कुमार मौर्य चढ़ा कानपूर पुलिस के हत्थे:-

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ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बेंचने वाला विजय कुमार मौर्य चढ़ा कानपूर पुलिस के हत्थे:-

ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बेचने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि इंजेक्शन यूपी में नहीं बन रहे है। इन्हें गुजरात, मुंबई, दिल्ली से लाया जा रहा है।

कानपुर में ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन बेचने के मामले में पुलिस ने लखनऊ के मेडिकल स्टोर संचालक विजय कुमार मौर्या को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि इंजेक्शन यूपी नहीं गुजरात व मुंबई में तैयार किए जा रहे हैं।पुलिस ने इन दोनों राज्यों की पुलिस से संपर्क कर जानकारी साझा की है।

विजय के पास मिले मोबाइल से पुलिस को अहम व्हाट्सएप चैट भी मिली है। इससे पूरी डीलिंग और नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। ग्वालटोली पुलिस ने भाजपा नेता प्रकाश मिश्रा व उसके साथी ज्ञानेश शर्मा को 68 नकली इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया था।

इस मामले में कानपुर पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। जब पुलिस ने उसे सख्ती से पूछताछ के लिए तब उन्होंने बताया कि हमें प्रयागराज से इंजेक्शन उपलब्ध कराई गई थी।

उनसे पूछताछ के आधार पर प्रयागराज से दो मेडिकल स्टोर संचालक मधुरम वाजपेयी और पंकज अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार पंकज अग्रवाल इसके पहले भी जेल जा चुका है.

नशीली दवाओं के बेचने के जुर्म और जब प्रयागराज पुलिस और कानपुर पुलिस ने जब सख्ती से इन दोनों से पूछताछ की तो इनसे पता चला कि इन्होंने लखनऊ में कुर्सी रोड स्थित मोहित मेडिकल स्टोर संचालक विजय से इंजेक्शन खरीदे थे।

एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय के नेतृत्व में जांच टीम ने विजय को भी गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ जारी है। पता चला है कि विजय खुद नकली इंजेक्शन नहीं बनाता था, बल्कि बाहर से खरीदता था। कभी गुजरात बता रहा तो कभी मुंबई और दिल्ली।

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पुलिस उसके मोबाइल नंबर की सीडीआर खंगाल रही है। किसी न किसी दवा कंपनी का है काम पुलिस की जांच में स्पष्ट हो गया है कि नकली इंजेक्शन बेचने के मामले में किसी न किसी बड़ी दवा कंपनी का हाथ है।

इस तरह से किसी फैक्टरी में इंजेक्शन बनाना संभव नहीं है। एसीपी ने बताया कि मुंबई व गुजरात पुलिस को इस बारे में जानकारी दी गई। कुछ संदिग्ध नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं। कई चैट डिलीट कर चुका है शातिर पुलिस की पूछताछ में विजय सहयोग नहीं कर रहा है। अधिकतर चैट डिलीट कर चुका है।

कुछ चैट व कॉल रिकॉर्डिंग मिली है। एसीपी ने बताया कि जो चैट मिली है, वो बेहद अहम हैं। डिलीट चैट रिकवर कराने का प्रयास किया जा रहा है।

पुलिस ने इन दोनों राज्यों की पुलिस से संपर्क कर जानकारी साझा की है। विजय के पास मिले मोबाइल से पुलिस को अहम व्हाट्सएप चैट भी मिली है। इससे पूरी डीलिंग और नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।

ग्वालटोली पुलिस ने भाजपा नेता प्रकाश मिश्रा व उसके साथी ज्ञानेश शर्मा को 68 नकली इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया था।

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