इटावा: सिविल इंजीनियर आशुतोष दीक्षित ने जंगल में कर दिया कमाल! साहिवाल गायों से कमा रहे  15 लाख

Etawah Civil engineer Ashutosh Dixit did wonders in the jungle! Sahiwal is earning 15 lakhs from cows

इटावा जनपद के बीहड़ी आसई गांव के निवासी आशुतोष दीक्षित ने कानपुर के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज पीएसआईटी से 2017 में बीटेक सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स किया था.

आशुतोष के बड़े सपने थे कि वह नौकरी करेंगे और अपना परिवार का जीवन यापन करेंगे. एक साल तक लगातार कई कंपनियों के चक्कर काटे, धक्के खाए, दर-दर भटके पर आशुतोष को नौकरी नहीं मिली.

फिर शुरू हुआ अल्टरनेटिव कमाई का जरिया तलाशने का सफ़र . जैसा की जनरल कोटे के condidate करते है स्वरोजगार .क्युकि रिजर्वेशन न होने से सरकारी नौकरी का जुगाड़ लग नहीं पता है.

फिर आशुतोष ने अपने गांव में ही रह कर अपने माता-पिता के लिए सहारा बनकर पशुपालन का व्यवसाय सोचा. लेकिन आशुतोष को कुछ अलग करने का जज्बा था. उन्होंने ना सिर्फ गाय का दूध बेचा बल्कि दही और घी भी बेचा . किस्मत रंग लायी और फिर गाड़ी चल निकली .

पंडित जी की ज्यादातर गाय जंगल में रहती हैं. वहां का चारा खाती है, फिर जब वापस आती है तब पौष्टिक चारा भी खाती है .भैंस और देसी गाय की तुलना में गाय का दूध  अच्छा माना जाता है जहा दूध, अच्छी कीमत पर बिकता है. वही घे के तो क्या कहने .

सामान्य तौर पर देसी घी की कीमत भी 3 गुना अधिक मिल जाती है. व्यवसाय इतना बढ़ गया है कि सोशल मीडिया पर घी का ऑर्डर आता है. दूध भी अच्छी क्वॉलिटी का होने के कारण जनपद के अधिकारी भी इसका सेवन करते हैं.

गाय के गोबर से लकड़ी और खाद का भी निर्माण करके बिक्री भी की जाती है. आशुतोष ने क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी दे रखा है. आशुतोष को को सालाना लगभग 12 से 15 लाख रुपए का मुनाफा हो रहा है और वह युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं.

जय हो आसुतोष जैसे सामान्य केटेगरी के इंजिनियर की सरकारी नौकरी ब्राह्मण होने के कारण भले ही ना मिली पर अपने दिमाग से अच्छा पैसा कम रहे है .

सोर्स सोशल मीडिया

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