Kanpur News: ठंड से बचने के लिए बुजुर्ग ; श्मशान में जलती चिता के बगल में लेटा

Elderly people to avoid cold; Lying next to the burning pyre in the crematorium
Elderly people to avoid cold; Lying next to the burning pyre in the crematorium

कोहना थाना क्षेत्र में ठंड से बचने के लिए बुजुर्गको बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा.अलाव की व्यस्था न होने के कारण बुजुर्ग ने अपनी समस्या का हल खुद ही निकाल लिया। ठिठुरन से बचने के लिए बुजुर्ग श्मशान में जाकर जलती चिता के बगल में लेट गया। वहां के लोगों ने बुजुर्ग का वीडियो बना लिया।

ठंड से बचने के लिए बुजुर्ग का काम सुर्खियों में है। कानपुर में सर्दी का सितम जारी है। गरीब, बेसहारा, बुजुर्गों और जरूरतमंदों के लिए यह कठिन समय है। जब ठंड अपने जोर पर है और शरीर पर गर्म कपड़ा और रात में ओढ़ने को कंबल न हो, तो हाल और भी बुरा हो जाता है। ऐसे में गरीब और असहाय लोग अपना-अपना जुगाड़ करते हैं।

ऐसा ही मामला कानपुर के कोहना थाना क्षेत्र में सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग का ठंड से बचने का जब कोई उपाय नहीं मिला, तो बुजुर्ग श्मशान पहुंच गया। यहां भैरवघाट में जलती चिता के बगल में जाकर लेट गया। इसका किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

ठंड से बचने के लिए बुजुर्ग के जुगाड़ का वीडियो वायरल

वीडियो देखकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोगों ने कहा कि सर्दी की रातें गरीबों के लिए बहुत भारी पड़ती हैं। उन्हें तलाश रहती है किसी ऐसे मसीहा की जो आकर उनको ठंड से बचा सके। ठिठुरते हुई रात न गुजारनी पड़े। बहुत से गरीब इन सर्दी की रातों में खुले आसमान के नीचे कांपते रहते हैं।

सर्दी से बचने के लिए क्या करे

मौसम बदलने लगा है। लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। अस्पताल के मेडिसिन ओपीडी में सर्दी-जुकाम, बुखार व खांसी के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। तापमान में उतार- चढ़ाव होने से दमा के रोगियों की दिक्कतें भी बढ़ी हैं। सांस फूलने की समस्या ग्रसित रोगी प्रतिदिन बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इनमें से दो-तीन को भर्ती करना पड़ रहा है और ऑक्सीजन दिया जा रहा है। वहीं, डॉक्टर लोगों को बामारी से बचने के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।

कानपुर जिला अस्पताल मेडिसिन ओपीडी में लगभग पांच सौ रोगी प्रतिदिन पहुंचते हैं। इनमें से सवा सौ रोगी सर्दी-जुकाम व खांसी की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। 15 दिन पहले इनकी संख्या 50-60 होती थी। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड अभी पूरी तरह गई नहीं है, सुबह-शाम पर्याप्त ठंड पड़ रही है। लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। पर्याप्त गरम कपड़े नहीं पहन रहे हैं। मौसम बदलने की वजह से बैक्टीरिया-वायरस सक्रिय हो गए हैं, इसलिए लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। पेट दर्द, रक्तचाप व मधुमेह के रोगियों की संख्या में भी मामूली वृद्धि हुई है।

सर्दी के मौसम में आप देखेंगे कि आपके आस पास घर हो या दफ्तर, हर जगह सर्दी और खांसी से परेशान व्यक्ति मिल ही जाएँगे। हालांकि सामान्य रूप से होने वाली सर्दी से कोई विशेष परेशानी नहीं होती है लेकिन यदि इसका समय पर उपचार न किया जाये तब यह तेज़ सिरदर्द, खराब गले, बलगम जमा होना और नाक के इन्फेक्शन में बदल सकती है। इसलिए सामान्य रूप से होने वाली सर्दी से बचाव के लिए अच्छा होगा कि भली-प्रकार से जरूरत के अनुसार गरम कपड़े पहने जाएँ और जहां तक हो सके घरेलू उपचार जैसे गर्म पानी के गरारे करना, गरम पानी की भाप लेकर भी सर्दी और खांसी को दूर कर सकते हैं।

सर्दी से बचने को करें ये देखभाल

सर्दी में, विशेषकर कम नमी वाले मौसम में स्किन का ड्राई होना एक आम परेशानी है। सर्दी के मौसम में तेज़ गरम पानी से नहाने से बचना चाहिए जिससे आप स्किन पर होने वाली खुजली से बच सकें। इसके लिए अच्छी तरह से क्रीम या पेट्रोलियम जैली से स्किन को मॉस्चराइज करना चाहिए जिससे आप ड्राई स्किन की परेशानी से बच सकते हैं।

सर्दी के मौसम में फ्लू एक सामान्य रूप से होने वाली बीमारी मानी जाती है। इसके लिए बहुत जरूरी है कि अपने हमेशा खाने से पहले हाथ धो लें जिससे हर प्रकार के किटाणु हमसे दूर रह सकते हैं। इसके साथ ही हमेशा कान ढ़क कर और मोज़ों को पहन कर शरीर को गरम रखने का प्रयास करना चाहिए।

सुबह ठंड निमोनिया की बीमारी का सबसे पहला लक्षण ठंड लगना हो सकता है और यदि इसका उपचार न किया जाये तो यह नुकसानदेह भी हो सकता है। यह बैक्टीरिया से होने वाला इन्फेक्शन है और इसके कारण आपको दूसरी विभिन्न बीमारियाँ भी हो सकती हैं। कुछ स्थितियों में इसका इलाज केवल डॉक्टर को दिखाने भर से और एंटी बायोटिक लेने से भी काम चल जाता है। लेकिन बीमारी के लक्षणों के आधार पर कभी-कभी मरीज को अधिक देखभाल की जरूरत होती है जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है।

विवाहिता ने शादी के पांच महीने बाद ही बेटी को जन्म दिया

You may also like...