Hamirpur News: मृत घोषित महिला अनीता रास्ते में जी उठी ;डॉक्टरों को किया फेल

Anita, a woman declared dead, came alive on the way
Anita, a woman declared dead, came alive on the way

हमीरपुर(Reliable Media) मृत घोषित महिला अनीता रास्ते में जी उठी ; इसे प्रकृति का चमत्कार कहें या डॉक्टरों की लापरवाही। कैंसर से पीड़ित महिला को अस्पताल में मृत घोषित कर दियागया था. अस्पताल में मृत घोषित महिला अनीता रास्ते में जी उठी। । एम्बुलेंस से घर लाते समय महिला रास्ते में उठ कर बैठ गई और पानी मांगने लगी। मामला हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली क्षेत्र का है।

UP News ; (Reliable Media) मृत घोषित महिला अनीता रास्ते में जी उठी , क्षेत्र के सदर गांव निवासी मातादीन रैकवार ने बताया पत्नी अनीता (33) बीमार रहतीं थीं। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने ब्लड कैंसर होने की बात कही। उन्होंने छतरपुर, भोपाल, जालंधर, चंडीगढ़ व अमृतसर में इलाज कराया। जालंधर में नौगांव निवासी रिश्तेदार राजू रैकवार मजदूरी करते हैं। कुछ समय से जालंधर में राजू के यहां रह कर प्राइवेट अस्पताल में पत्नी का इलाज करा रहे थे। करीब 15 दिन पहले पत्नी की हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने पत्नी को मृत घोषित कर दिया।

मृत घोषित महिला अनीता रास्ते में जी उठी

पत्नी के कथित शव को पैक कर उन्हें सौंप दिया। साथ ही अंतिम संस्कार के लिए भी व्यवस्था होने की बात कही। गांव शव लाने के लिए उन्होंने तीस हजार में एम्बुलेंस की। मातादीन ने बताया कि नोयडा पहुंचने पर उनकी पत्नी पानी मांगने लगीं। यह देख वह भौंचक्के रह गए। साथ ही उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आगे बताया कि आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते पत्नी को लेकर अपने गांव आ गए हैं। यहां उनकी पत्नी फिलहाल ठीक अवस्था में हैं। मृत घोषित महिला के जीवित होने पर उन्हें देखने के लिए गांव वालों का तांता लगा हुआ है।

जब ग्रामीणों को पता चला कि ‘मृत महिला’ जीवित है तो बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां पहुंच गये। कुछ ग्रामीण इसे चमत्कार मान रहे हैं तो कुछ लोग इसे डॉक्टरों की लापरवाही बता रहे हैं। फिलहाल ये मामला हमीरपुर जिले में लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

कैंसर के बारे में जाने

कैंसर बीमारियों का एक समूह है जिसमें असामान्य कोशिका वृद्धि होती है और शरीर के अन्य भागों में आक्रमण करने या फैलने की क्षमता होती है। ये सौम्य ट्यूमर से भिन्न होते हैं, जो फैलते नहीं हैं। संभावित संकेतों और लक्षणों में गांठ, असामान्य रक्तस्राव, लंबे समय तक खांसी, बिना कारण वजन कम होना और मल त्याग में बदलाव शामिल हैं। हालाँकि ये लक्षण कैंसर का संकेत दे सकते हैं, इनके अन्य कारण भी हो सकते हैं। 100 से अधिक प्रकार के कैंसर मनुष्यों को प्रभावित करते हैं।


कैंसर से होने वाली लगभग 22% मौतों का कारण तम्बाकू का उपयोग है। अन्य 10% मोटापा, ख़राब आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी या अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होते हैं। अन्य कारकों में कुछ संक्रमण, आयनीकृत विकिरण के संपर्क में आना और पर्यावरण प्रदूषक शामिल हैं। विकासशील देशों में, 15% कैंसर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, ह्यूमन पेपिलोमावायरस संक्रमण, एपस्टीन-बार वायरस और ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) जैसे संक्रमणों के कारण होते हैं।

कोशिका के जीन को बदलकर कार्य

ये कारक, कम से कम आंशिक रूप से, कोशिका के जीन को बदलकर कार्य करते हैं। आमतौर पर, कैंसर विकसित होने से पहले कई आनुवंशिक परिवर्तनों की आवश्यकता होती है। लगभग 5-10% कैंसर वंशानुगत आनुवंशिक दोषों के कारण होते हैं। कैंसर का पता कुछ संकेतों और लक्षणों या स्क्रीनिंग परीक्षणों से लगाया जा सकता है। इसके बाद आमतौर पर मेडिकल इमेजिंग द्वारा इसकी जांच की जाती है और बायोप्सी द्वारा इसकी पुष्टि की जाती है।


धूम्रपान न करने, स्वस्थ वजन बनाए रखने, शराब का सेवन सीमित करने, खूब सारी सब्जियां, फल और साबुत अनाज खाने, कुछ संक्रामक रोगों के खिलाफ टीकाकरण, प्रसंस्कृत मांस और लाल मांस की खपत को सीमित करने और कुछ कैंसर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है। सीधी धूप के संपर्क में आना। सर्वाइकल और कोलोरेक्टल कैंसर के लिए स्क्रीनिंग के माध्यम से शीघ्र पता लगाना उपयोगी है।

स्तन कैंसर की जांच के लाभ विवादास्पद हैं। कैंसर का इलाज अक्सर विकिरण चिकित्सा, सर्जरी, कीमोथेरेपी और लक्षित चिकित्सा के कुछ संयोजन से किया जाता है। दर्द और लक्षण प्रबंधन देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्नत रोग वाले लोगों में प्रशामक देखभाल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जीवित रहने की संभावना उपचार की शुरुआत में कैंसर के प्रकार और बीमारी की सीमा पर निर्भर करती है। निदान के समय 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में, विकसित दुनिया में पांच साल तक जीवित रहने की दर औसतन 80% है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कैंसर के लिए, सभी उम्र के लोगों के लिए औसत पांच साल की जीवित रहने की दर 66% है।

कैंसर से बचाव के लिए क्या करे

दुनिया भर में कैंसर से मौत मुख्य कारणों में से एक है और हर साल कई लोगों का इलाज भी चलता रहा है. कैंसर के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कोई निश्चित इलाज ना होने की वजह से मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. कई रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2040 तक हर साल 16.4 मिलियन कैंसर से मौतें होंगी और कैंसर के 29.5 मिलियन नए मामले होंगे. मौजूदा समय में इस बीमारी को रोकने का कोई तरीका नहीं है. भले ही हाल की मेडिकल साइंस बहुत ही आगे जा चुका है पर अब भी इसे रोकने में असक्षम है. 

वैसे इसके होने के कई कारण हैं, जिसमें एक कारण हेरीडिटी भी है. इसके साथ ही पर्यावरण और लाइफस्टाइल की वजह से भी काफी मुश्किल हो रही है. इसके अलावा कैंसर के जोखिम होने से सिगरेट, धूम्रपान, शराब, धूप, प्रदूषण, तनाव, लाइफस्टाइल की वजह से कैंसर होता है. ऐसे में सवाल है कि आखिर किस तरह से कैंसर से बचा जा सकता है और कैंसर से बचने के लिए किस तरह की लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहिए…

हेल्दी खाना जारी रखें

कैंसर के खतरे को कम करने के लिए संतुलित आहार बनाए रखना जरुरी है. पौष्टिक भोजन, फल, हरी सब्जियां और लाल मांस कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है. फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले कई विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं.

नियमित एक्सरसाइज करें

स्तन और पेट के कैंसर को कम करने के लिए रोज एक्सरसाइज करना जरुरी है. हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए मॉड्रेट एक्टिविटी जरुर करें, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैरना. रिसर्च के अनुसार, नियमित फिजिकल न केवल कैंसर के खतरे को कम करता है बल्कि सामान्य स्वास्थ्य को सही रखता है.

तंबाकू के सेवन से बचें

कैंसर से होने वाली मौतों में से करीब आधी मौतें तम्बाकू धूम्रपान के कारण होती हैं. जो अनावश्यक मौतों का सबसे बड़ा वैश्विक कारण है. कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान से बचना है.

शराब का सेवन कम से कम करें

ब्रेस्ट, कोलोन और लिवर कैंसर सहित कई कैंसर, शराब के दुरुपयोग के बढ़ते हैं. शराब से सिर्फ कैंसर ही नहीं, कई और बीमारियों होने का भी डर रहता है.

धूप से सुरक्षा

स्किन कैंसर से बचने के लिए धूप से बचाव जरूरी है. ऐसे में सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) वाले सनस्क्रीन का प्रयोग करें, कपड़ों से ढकें. दिन के बीच में जितना हो सके धूप से बाहर रहें.

नोट यह केवल सामान्य जानकारी है विशेसज्ञ से परामर्श करके ही कोई कार्य करे।

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