राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए संचालित आशा ज्योति केंद्र (वन स्टॉप सेंटर) की टीम ने लखनऊ पुलिस को आईना दिखाने वाली कार्रवाई की
राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए संचालित आशा ज्योति केंद्र (वन स्टॉप सेंटर) की टीम ने लखनऊ पुलिस को आईना दिखाने वाली कार्रवाई की। परिवार से बिछड़कर सप्ताह भर से भटक रही जिस विक्षिप्त महिला का पुलिस अपने ही थानाक्षेत्र में घर नही ढूंढ पाई वन स्टॉप सेंटर की टीम ने शनिवार को तीन घण्टे में उसे परिजनों से मिला दिया।
हुसैनगंज थानाक्षेत्र के छितावपुर की रहने वाली शबाना की मानसिक हालत ठीक नही है। नूरमंजिल से उनका इलाज चल रहा है। करीब सप्ताह भर पहले वह घर से निकली और रास्ता भटककर जानकीपुरम पहुँच गयी। काफी तलाश के बाद भी उनका पता नही चला तो घरवालों ने हुसैनगंज थाने में जानकारी दी.
घरवाले हर रोज थाने का चक्कर लगा रहे थे लेकिन पुलिस कोई जानकारी न मिलने की बात कहते हुए उन्हें टाल रही थी। इस बीच राहगीरों ने 3 सितंबर को शबाना को जानकीपुरम थाने पहुचाया।
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एक थाने में थी महिला दूसरे थाने का चक्कर लगा रहे थे परिजन
हैरानी की बात है कि शबाना जानकीपुरम थाने में बैठाई गयी थी लेकिन हुसैनगंज थाने को इसकी जनकारी नही थी। परिजन जब भी थाने जाते पुलिस तलाश करने के प्रयास के दावा करके उन्हें बैरंग लौटा देती। दूसरी ओर महिला के नाम पता न बता पाने की वजह से जानकीपुरम पुलिस भी उनका घर ढूढने में दिलचस्पी नही ले रही थी।
जानकीपुरम पुलिस ने इसकी जानकारी शनिवार को वन स्टॉप सेंटर को दी। सेंटर की प्रभारी अर्चना सिंह ने अपनी टीम को लगाया जिसने महज तीन घण्टे में शबाना का पता ढूढ़ निकाला और उन्हें परिजनों से मिलवाया।
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