83 करोड़ का घोटाला उजागर करने पर मायावती सरकार के समय 7 गोलियां खाने वाले रिंकू बने IAS अखिलेश ने भेजा था पागलखाने योगी ने किया था सस्पेंड

Rinku became IAS, who consumed 7 bullets during Mayawati government's exposing scam of 83 crores, Akhilesh Yadav sent him madhouse Yogi sus

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रिंकू सिंह राही ने UPSC परीक्षा में 683वीं रैंक हासिल अपने सपने को साकार किया है। बता दें कि जफ्फरनगर में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए उन्होंने 2009 में करोड़ों रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया था…

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रिंकू सिंह राही ने UPSC परीक्षा में 683वीं रैंक हासिल अपने सपने को साकार किया है। बता दें कि जफ्फरनगर में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए उन्होंने 2009 में करोड़ों रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद माफियाओं ने उन पर हमला भी कराया था। हमले में रिंकू को 7 गोली लगी थी।

इतना ही नहीं घोटाले पर कार्रवाई न होने पर रिंकू अनशन पर बैठ गए तो पुलिस ने मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। राजकीय IAS-PCS कोचिंग सेंटर हापुड़ के प्रभारी रिंकू सिंह राही को मौजूदा पोस्टिंग के दौरान ही शासन से दो बार चार्जशीट थमाई गई।

सरकारों के साथ बढ़िया जुगलबंदी रिंकू की नहीं रही। उन्हें गोली मारी गई, जब बसपा की सरकार थी। सपा सरकार के दौरान उन्हें पागल खाने भेजा गया और भाजपा सरकार में सस्पेंड किया गया। बावजूद इसके वह भ्रष्टाचार के आगे आज तक नहीं झुके। रिंकू कहते हैं कि पद और विभाग कोई भी हो, भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। जानलेवा हमले के 13 साल बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है।

83 करोड़ का घोटाला किया था उजागर

अलीगढ़ निवासी रिंकू सिंह राही ने यूपी पीसीएस 2004 की परीक्षा उत्तीर्ण कर साल 2008 में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर मुजफ्फरनगर में जॉइन किया था। शुरुआत में रिंकू राही को वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए थे।

जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते रिंकू सिंह राही को जब ट्रेनिंग के लिए ट्रेजरी भेजा गया, तो उन्हें वहां छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के नाम पर विभाग में किए जा रहे करोड़ों रुपए के घोटाले का पता किया। जांच के दौरान उन्होंने करीब 100 करोड़ के गबन के सुबूत जमा किए।

उन्होंने कई बैंकों में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पदनाम से खोले गए फर्जी खाते पकड़े। इनमें शासन से आने वाले करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति के चेक जमा कर भुनाए जा रहे थे। इसकी शिकायत उन्होंने तत्कालीन सीडीओ सियाराम चौधरी से की। उन्होंने उस पर गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया। घोटाले की तह में जाने के चलते धीरे-धीरे वह माफिया के निशाने पर आ गए।

रिंकू राही को सात गोलियां लगीं और उनका जबड़ा भी बाहर आ गया

रिंकू सिंह राही जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते पुराने प्लानिंग दफ्तर की सरकारी आवासीय कॉलोनी में रह रहे थे। 26 मार्च 2009 को वह एक सहकर्मी के साथ सुबह सात बजे बैडमिंटन खेल रहे थे। उन पर दो हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं।

रिंकू राही को सात गोलियां लगीं और उनका जबड़ा भी बाहर आ गया। उन्हें हायर सेंटर मेरठ ले जाया गया। करीब एक माह सुभारती मेडिकल कालेज मेरठ में भर्ती रहे। कई ऑपरेशन के बाद वह ठीक होकर लौटे।

हमले के बाद उनकी एक आंख की रोशनी जाती रही और उन्हें मुंह की सर्जरी करानी पड़ी

हमले के बाद उनकी एक आंख की रोशनी जाती रही और उन्हें मुंह की सर्जरी करानी पड़ी थी। एक साइड का जबड़ा भी पूरी तरह से डैमेज हो गया था। राही पर कातिलाना हमले के आरोप में पुलिस ने जांच पूरी कर एक नेता सहित आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। फरवरी 2021 को मुजफ्फरनगर की विशेष एससी-एसटी कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई पूरी कर चार आरोपितों को जानलेवा हमले का दोषी मानते हुए 10-10 साल की कैद सुनाई। बाकी चार आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

तीन जिलों में पोस्टिंग के दौरान चार बार थमाई गई चार्जशीट

2015-16 के दौरान वह श्रावस्ती में जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास के पद पर पोस्टिड थे। उन्हें पोस्टिंग के दौरान 25 हजार रुपए प्रति वर्ष सरकारी गाड़ी भत्ता दिए जाने की व्यवस्था थी। वह उसको नहीं ले रहे थे। अधिकारियों की मीटिंग में उन्हें 25 हजार रुपए किसी भी मद में खर्च करने को कहा गया। उन्होंने खर्च नहीं किए। बावजूद उन्हें गाड़ी भत्ता के मद के 25 हजार रुपए दूसरे कार्यों पर खर्च करने के आरोप में चार्जशीट थमा दी गई।

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