आजमगढ़: अखिलेश यादव को पुरानी राजनीति छोड़नी पड़ेगी : सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ

Dinesh Lal Yadav Nirahua
Dinesh Lal Yadav Nirahua

आजमगढ़; अपनी जीत को लेकर पत्रकार द्वारा पूछे गये सवाल पर सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा सपा प्रदेश की 80 की 80 सीटें हार जाएगी। अखिलेश यादव को पुरानी राजनीति छोड़नी पड़ेगी। वे अपने आप को यादवों का नेता मानते हैं अगर वे यादवों का भला चाहते हैं तो उनके लिए एक सलाह है कि वे गठबन्धन के लिए किसी अन्य पार्टी से न मिले।

अखिलेश यादव को पुरानी राजनीति छोड़नी पड़ेगी ,यह हर कोई जानता है कि 2024 में भाजपा की ही सरकार बननी है। उनको भाजपा के साथ गठबन्धन करना चाहिए। बता दें कि कला भवन में आयोजित स्वयं सहायता समूह की ग्राम चौपाल में सदर सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने प्रेस वार्ता के दौरान यह बात कही। बताते चलें कि 29 दिसम्बर को जनपद आजमगढ़ में सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए आये हुए थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि भाजपा को हराना है तो यूपी हरा दीजिए, भाजपा 2024 का चुनाव हार जाएगी। आजमगढ़ से ऐतिहासिक चुनाव परिणाम आयेगा।

अखिलेश यादव को पुरानी राजनीति छोड़नी पड़ेगी

वहीं भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को 2024 का लोकसभा चुनाव आजमगढ़ से लड़ने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़े, तो बहुत मजा आएगा. आजमगढ़ से बीजेपी सांसद निरहुआ ने आगे कहा कि 2019 के चुनाव में महागठबंधन था. इस वजह से अखिलेश यादव बच गए थे, इस बार भी वह एक गठबंधन बना रहे हैं.

अखिलेश यादव से लड़ाई लड़ने में बड़ा मजा आता है. अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए निरहुआ ने कहा कि अखिलेश यादव 6 महीने बाद आजमगढ़ आयें हैं. जिस तरह से वह आजमगढ़ को भूल गए हैं . मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से सीटों के ऐलान करने के बाद सपा और कांग्रेस आमने सामने आ गई हैं.

समाजवादी पार्टी  मध्य प्रदेश में कांग्रेस पर सीट देने का दबाव बना रही है और इसी कड़ी में कई सारी राजनीतिक चालें चली जा रही है. एबीपी लाइव से बातचीत में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा की यह तो समय बताएगा कि किसकी कितनी और कहां हैसियत है.

उन्होंने बड़ी बात कहते हुए कहा कि ‘वर्तमान में समाजवादी पार्टी की मध्य प्रदेश में कोई हैसियत नहीं है, इनका मध्य प्रदेश में कोई आधार नहीं है.’ उन्होंने कहा कि ‘मैं चाहता हूं अखिलेश यादव और पूरी समाजवादी पार्टी को मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा की अगर सपा एमपी चुनाव लड़ती है तो यह बात साबित हो जाएगी कि यह भारतीय जनता पार्टी को जिताना चाहते हैं. उन्होंने कहा की बाकी रही बात यूपी की बात, तो यहां हम सभी 80 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं, बाकी निर्णय लेना राष्ट्रीय नेतृत्व का काम है.

अजय राय ने सपा को घेरा :अखिलेश यादव को पुरानी राजनीति छोड़नी पड़ेगी

समाजवादी पार्टी की ओर से लगातार हैसियत की बात करने पर अजय राय ने कहा की सपा की अगर मौजूदा स्थिति पर जाएंगे तो वह अपनी सीट तक नहीं बचा पाई. उन्होंने आजमगढ़ की सीट की नाम लेते हुए कहा की वहां निरहुआ जीत गया. उन्होंने कहा ये किस तरीके की बात है जो अपनी सीट नहीं बचा पाए वह बाकी सीट का क्या करेगा.

कांग्रेस पार्टी का जनाधार आएगा वापस

अजय राय ने कहा की कांग्रेस पार्टी एक वट वृक्ष की तरह है. उन्होंने कहा की थोड़े बहुत तने भले कमजोर हुए हों पर अभी पेड़ गिरा नहीं है. अखिलेश यादव को पुरानी राजनीति छोड़नी पड़ेगी .हम लगातार अपने नेताओं के द्वारा कांग्रेस पार्टी को मजबूत कर रहे हैं. आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी बहुत मजबूत होने वाली है और पूरे प्रदेश में जिस तरीके से लोगों का जुड़ाव और लगाव बढ़ रहा है. उससे यह बात साफ होती है की कांग्रेस पार्टी फिर से एक बार 32 साल बाद अपनी पुरानी स्थिति में वापस आएगी.

कांग्रेस के साथ हर वर्ग के लोग

अजय राय ने कहा की जो पुराने साथी हैं वह सब कांग्रेस के साथ हैं और सहयोग मिल रहा है. यहां पर नए पुराने सभी का सामंजस्य है. हम सभी को लेकर के चल रहे हैं. हमने कभी किसी से कोई भेदभाव नहीं किया, कभी किसी का बटवारा नहीं किया.

दशहरे तक आएगी नई टीम

अजय राय ने कहा की अभी नवरात्रि चल रही है और दशहरे तक हम अपनी नई टीम का ऐलान कर देंगे. उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा की सनातन की बात करने वालों ने पितृपक्ष में अपनी टिकटों का ऐलान किया और कांग्रेस पार्टी नवरात्रि में टिकट का ऐलान किया है और दशहरा तक नई टीम का भी ऐलान करेंगे.

हर समाज और पूजा पद्धति का सम्मान करती है कांग्रेस

अजय राय ने कहा की ‘हमारे यहां सभी धर्मों का सम्मान करने की परंपरा है और सबने देखा की कैसे 2 अक्टूबर को गांधी जयंती को हर-हर महादेव का उद्घोष भी हुआ, सिख समाज ने अरदास भी की, मुस्लिम समाज ने दुआ भी पढ़ी और ईसाई समाज के फादर भी आए थे. उन्होंने भी ईश्वर को याद किया. आज नवरात्रि में हम कन्याओं का पूजन कर रहे हैं.’जनता भी उनको भूल चुकी है.

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