पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी पत्नी की ली जान, 5 शादियां और एक मर्डर मिस्ट्री, 48 दिनों बाद ऐसे हुआ खुलासा

Police inspector reveals his wife’s death, 5 marriages and a murder mystery, 48 days later

पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी पत्नी की ली जान, 5 शादियां और एक मर्डर मिस्ट्री, 48 दिनों बाद ऐसे हुआ खुलासा

जुर्म की ये कहानी गुजरात की है. गुजरात की रहने वाली एक महिला ने अमेरिका में रहने वाले एक एनआरआई से शादी की. लेकिन कुछ वक्त बाद ही उनका तलाक हो गया. वो महिला गुजरात लौट आई. तब उसकी मुलाकात गुजरात पुलिस के एक इंस्पेक्टर होती है.

दोनों में प्यार हो जाता है. फिर दोनों एक मंदिर में गुपचुप तरीके से शादी कर लेते हैं. उधर, इस बात से बेख़बर इंस्पेक्टर के घर वाले उसकी दूसरी शादी भी करा देते हैं. इसके बाद पहली बीवी को ये बात पता चल जाती है.

फिर इसके बाद वो महिला गायब हो जाती है और 48 दिन बाद उस पहली पत्नी का सच सामने आता है.

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के पुलिस इंस्पेक्टर अजय देसाई ने इस रोज़ सुबह-सुबह अपने ससुरालवालों को फ़ोन किया. देसाई ने कहा कि बीती रात उसका अपनी पत्नी से झगड़ा हो गया था और आज सुबह-सुबह उसकी पत्नी बिना बताए घर छोड़ कर कहीं चली गई.

चूंकि बात परेशान करनेवाली थी, देसाई के ससुरालवाले फौरन अपनी बेटी और दामाद के घर पहुंच गए और खुद देसाई ये कह कर अपने घर से निकल गया कि वो अपनी बीवी स्वीटी को ढूंढ़ने जा रहा है.

अजय देसाई और स्वीटी ने 2016 में लव मैरिज की थी. लेकिन इसके बाद दोनों का तलाक हो चुका था. लेकिन कहानी में ट्विस्ट ये है कि तलाक़ के बाद भी स्वीटी और अजय साथ ही लिव-इन में रहते थे.

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और इसी लिव-इन के दौरान 4 और 5 जून की दरम्यानी रात को स्वीटी और अजय के बीच ऐसी लड़ाई हुई कि स्वीटी कहीं गायब हो गई और किसी को पता ही नहीं चला. दोनों को दो साल का एक बेटा भी है.

अब चूंकि अजय को खुद ही पुलिस में था और उसने अपनी बीवी को ढूंढ निकालने की ज़िम्मेदारी अपने सिर पर ले ली थी, तो ससुरालवाले कुछ दिनों के लिए उनके दो साल के बेटे को अपने साथ घर ले गए.

लेकिन 5 जून से शुरू हुई स्वीटी की गुमशुदगी की ये कहानी ऐसे मुकाम पर पहुंच कर ख़त्म हुई, जिसके बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था.

असल में पांच जून की गुमशुदगी के बाद अजय तो लगातार स्वीटी को ढूंढ़ने की बात कह रहा था, लेकिन उसका दूर-दूर तक कहीं नामो-निशान तक नहीं था. इधर, कैंलेडर की तारीख़ बदलती जा रही थी और उधर, स्वीटी की गुमशुदगी को लेकर उसके घरवालों की टेंशन में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा था.

हद तो ये थी कि अजय खुद तो उसे ढूंढने की बात कह रहा था, लेकिन उसने अपनी बीवी की गुमशुदगी को लेकर कोई पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखवाई थी. इस तरह जब करीब हफ़्ते भर का वक्त गुज़र गया, तो स्वीटी के भाई जयदीप पटेल ने 11 जून को करजन पुलिस थाने में ही अपनी बहन की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई.

ये बात पहले से ही साफ़ थी कि गुमशुदगी से पहलेवाली रात को स्वीटी और उसके पति अजय के बीच झगड़ा हुआ था. ऐसे में अपनी बीवी की गुमशुदगी को लेकर अजय से पूछताछ लाज़िमी थी. पुलिस ने अजय से पूछताछ भी की, लेकिन अजय ने स्वीटी की गुमशुदकी को लेकर हर बार गोल-मोल जवाब ही दिया.

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उधर, स्वीटी के घरवालों ने पहले ही अपनी बेटी की गुमशुदगी के पीछे उसके पति अजय पर शक जताया था. लिहाज़ा करजन पुलिस ने खामोशी से अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाई. पुलिस को पता चला कि 4 और 5 जून की दरम्यानी रात अजय ने अपने एक दोस्त और कांग्रेस नेता किरीट सिंह जडेजा को फ़ोन किया था और दूसरे दिन उससे मिलने आने की बात भी कही थी.

पुलिस ने बीवी की गुमशुदगी के ऐन दूसरे दिन उसके जडेजा से मिलने जाने की वजह का पता लगाने की कोशिश की. पुलिस करजन में ही मौजूद जडेजा के उस होटल तक पहुंची, जहां अजय उनसे मिलने आया था. मामले की तस्दीक के लिए पुलिस ने होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच करने का फ़ैसला किया और करीब 1 जून से लेकर करीब 10 जून तक तक की फुटेज की जांच की.

लेकिन उसका माथा तब ठनका, जब पुलिस ने देखा कि वैसे तो होटल की पूरी की पूरी सीसीटीवी फुटेज की इनटैक्ट है, सिवाय 5 जून की सुबह के. यानी किसी ने साज़िशन 5 जून की सुबह की सीसीटीवी फुटेज ही डिलीट करवा दी थी.

अब पुलिस ने इंस्पेक्टर अजय देसाई के साथ-साथ उसके दोस्त किरीट सिंह जडेजा पर भी अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया. चूंकि मामला पेचीदा था और शक की सुई एक पुलिस इंस्पेक्टर पर थी, लिहाज़ा मामले की जांच क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई.

क्राइम ब्रांच ने मामला हाथ में लेते ही अजय देसाई को झूठ पकड़नेवाली मशीन पर बिठाया. यानी उसकी पॉलीग्राफ़ टेस्ट करवाया. इस टेस्ट में क्राइम ब्रांच को कुछ ऐसे संकेत मिले कि उनका शक अजय पर और गहरा हो गया.

हालांकि अजय अपनी बीवी की गुमशुदगी से लगातार खुद को बेखबर बता रहा था. पुलिस ने अजय के मोबाइल फ़ोन की जांच तो कर ही रही थी. पुलिस ने भी ग़ौर किया कि 5 जून की दोपहर को अजय करजन से करीब 50 किलोमीटर दूर भरूच ज़िले के अटाली गांव तक भी गया था और वहां करीब दो घंटे तक रुका भी था.

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इत्तेफ़ाक से इसी अटाली गांव में इंस्पेक्टर अजय देसाई के दोस्त और कांग्रेस नेता किरीट जडेजा का एक होटल भी बन रहा था. ऐसे में क्राइम की ब्रांच ने अटाली गांव का रुख किया और जडेजा की उस प्रॉपर्टी की जांच के लिए पहुंची, लेकिन पुलिसवाले तब भौंचक्के रह गए, जब उन्हें जडेजा की प्रॉपर्टी में कुछ जले हए निशान और हड्डियां मिलीं.

इस तरह अजय देसाई और जडेजा पर शक लगातार बढ़ता जा रहा था. इसी शक के बीच जब क्राइम ब्रांच की टीम अजय देसाई के घर पहुंची, तो उसे वहां एक और सुराग़ मिला. क्राइम ब्रांच के फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को अजय के घर के बाथरूम से कुछ खून के धब्बे मिले, जिनकी जांच से पता चला कि वो खून इंसानी था.

तो क्या अजय देसाई ने ही अपनी पत्नी की जान लेकर लाश निपटाने के लिए उसके टुकड़े किए और फिर उसे अपने दोस्त किरीट जडेजा की मदद से अटाली गांव में ले जाकर जला दिया? सवाल बेहद अहम था और इसी सवाल की तह तक जाने के लिए उसका अजय देसाई से और पूछताछ करना ज़रूरी था.

लेकिन जो खुद एक पुलिस अफ़सर हो, वो पुलिसवालों को छकाने की तरकीब भी जानता था. लिहाज़ा, वो क्राइम ब्रांच की टीम को भी अब तक लगातार गुमराह करने में लगा था. ऐसे में पुलिस ने उसका नार्को टेस्ट करवाने का फ़ैसला किया.

लेकिन पुलिस के इस फ़ैसले पर इंस्पेक्टर अजय देसाई ने जिस तरह से रिएक्ट किया, उससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया. देसाई अब तक तो पुलिस को छकाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसके नार्कोटेस्ट से मना करने पर पुलिस ने उसे घर लिया.

जब उससे गहरी पूछताछ हुई, तो उसने ना सिर्फ़ खुद ही अपनी बीवी का क़त्ल करने की बात कबूल कर ली, बल्कि क़त्ल करने से लेकर उसकी लाश निपटाने तक की ऐसी कहानी सुनाई, जिसे सुन कर क्राइम ब्रांच वाले भी सन्नाटे में आ गए.

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जी हां, अजय ने ही 4 और 5 जून की रात को स्वीटी की गला घोंट कर हत्या की थी और अगले रोज़ अपने घर से करीब 50 किलोमीटर दूर अपनी जीप कंपास गाड़ी से लेकर उसकी लाश को लेकर सुनसान जगह तक पहुंचा और वहीं अपने दोस्त जडेजा की ज़मीन पर बीवी लाश को जला कर अपनी तरफ से क़त्ल के सारे सबूत मिटा दिए.

अब सबसे बड़ा सवाल ये था कि आख़िर अजय ने अपनी बीवी का क़त्ल क्यों किया? क्यों उसने अपने ही मासूम बेटे के सिर से उसकी मां का साया छीन लिया? जवाब चौंकानेवाला है. दरअसल, अजय देसाई से स्वीटी की शादी साल 2016 में हुई थी.

स्वीटी की पहले भी दो शादियां हो चुकी थी और उसने अपने दोनों पतियों से तलाक ले लिया था. साल 2015 में उसने अमेरिका में रह रहे अपने दूसरे पति को तलाक लिया और हिंदुस्तान आ गई. हिंदुस्तान लौटने पर उसकी मुलाक़ात पुलिस इंस्पेक्टर अजय देसाई से हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली.

यानी ये स्वीटी की तीसरी शादी थी. जबकि अजय की दूसरी शादी थी. अजय का पहली शादी के बाद तलाक हो चुका था. अजय और स्वीटी करीब दो साल तक खुशहाल ज़िंदगी जीते रहे. दोनों को एक बेटा भी हुआ. लेकिन इसके बाद अजय की ज़िंदगी में एक तीसरी लड़की की एंट्री हुई और अजय ने स्वीटी की तलाक देकर इस तीसरी लड़की से शादी कर ली.

लेकिन रिश्तों का खेल देखिए स्वीटी को तलाक देने के बावजूद वो स्वीटी के साथ लिव इन में रहता था. इस तरह अजय की अपनी तीसरी पत्नी और दूसरी पत्नी रही स्वीटी, दोनों से रिश्ते थे. इसे लेकर स्वीटी और अजय में अक्सर झगड़ा भी होता था. एक दिन झगड़े में बात मरने-मारने तक पहुंच गई और फिर अजय ने 4 जून को स्वीटी का क़त्ल कर ही कर दिया.

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