असम मिज़ोरम बॉर्डर डिस्प्यूट CRPF की दो कंपनियां तैनात, असम सरकार ने जलियांवाला बाग वाली घटना से की फायरिंग की तुलना

Two companies of Assam Mizoram Border Dispute CRPF deployed, Assam government compares firing from Jallianwala Bagh incident-

.असम-मिजोरम की विवादित सीमा के पास संघर्ष के बाद तनाव बढ़ गया है. मिजोरम के साथ सीमा तनाव पर असम के कैबिनेट मंत्री परिमल शुक्ला बैद्य ने कहा कि गोलीबारी में असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई है और करीब

80 लोग घायल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से कोई फायरिंग नहीं की गई है. मिजोरम की तरफ से जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा की गई फायरिंग के समान ही गोलीबारी की गई.परिमल शुक्ला ने कहा कि उन

लोगों ने करीब आधे घंटे अंधाधुंध फायरिंग की. ऊपर अभी भी लोग हैं, जिन्हें बचाने का काम चल रहा है.बाउंड्री क्षेत्र में डर की वजह से कोई जा नहीं रहा है. मुख्यमंत्री केंद्र से बात कर रहे हैं. वहीं, सीआरपीएफ एडीजी संजीव रंजन ओझा ने

कहा, “सीआरपीएफ को शाम चार बजे से साढ़े चार बजे के बीच स्थिति पर नियंत्रण रखने का निर्देश दिया गया था. ओझा ने बताया कि सीआरपीएफ की दो कंपनियां असम और मिजोरम के बीच लैलापुर-वायरेंगटे विवादित स्थल पर

तैनात हैं. इस बीच, गृह मंत्री ने असम और मिजोरम केमुख्यमंत्रियों से बात की, जो घटनास्थल से अपने पुलिस बलों को वापस बुलाने पर सहमत हुए हैं. असम सरकार ने राज्य से अपने लोगों और पुलिस कर्मियों को हिंसा में शामिल होने

से रोकने और शांति बहाल करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया है. असम-मिजोरम की अशांत सीमा पर तटस्थ केंद्रीय बलों को तैनात किया जाएगा। यहां संघर्ष में 6 पुलिस कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में दो घंटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया है। असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत और

मिजोरम के उनके संबंधित समकक्षों लालनुनमाविया चुआंगो और एसबीके सिंह ने बैठक में हिस्सा लिया।वहीं, राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और एक-दूसरे की पुलिस को हिंसा के लिए

जिम्मेदार ठहराया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा से बात की है और उनकी पुलिस शांति बनाए रखेगी. जोरामथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और

आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए जबकि असम की पुलिस ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में बदमाशों ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमला किया. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया

कि दोनों राज्य सरकारों ने एनएच-306 पर अशांत स्टेट बॉर्डर पर तटस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती के लिए सहमति व्यक्त की है। तटस्थ बल की कमान सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के हाथ में होगी।

इसके अलावा बल के कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए दोनों राज्य सरकारें उचित समय सीमा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के समन्वय से व्यवस्था करेंगी।

लाठी, डंडे, लोहे की छड़ और राइफल के साथ थे अपराधी

असम की बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हाइलाकांडी की 164 किलोमीटर लंबी सीमा मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासीब और मामित के साथ लगती हैं. मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि मिजोरम सरकार चाहती है

कि असम के साथ अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दे को शांति और समझ के माहौल में सुलझाया जाए. इसके लिए, हम असम राज्य से विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल वातावरण बनाने का आह्वान करते हैं.वहीं, असम के स्थानीय

लोगों ने आरोप लगाए कि अपराधी लाठी, डंडे, लोहे की छड़ और राइफल लिए हुए थे और उन्होंने ललितपुर में असम पुलिस के कर्मियों पर हमला किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें उपायुक्त कार्यालय के वाहन भी

शामिल थे. जोरामथांगा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें असम के पुलिसकर्मियों और डंडे लिए हुए युवकों के समूह के बीच संघर्ष हो रहा है.उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय, सरमा और

असम के कछार जिले केअधिकारियों को टैग करते हुए लिखा, ‘‘अमित शाह जी, कृपया मामले को देखें. इसे तुरंत रोकने की जरूरत है.’’ जोरामथांगा ने एक अन्य ट्वीट में कछार से मिजोरम लौट रहे एक ‘‘निर्दोष दंपति’’ पर कथित

हमले की बात भी कही. उन्होंने पूछा, ‘‘इन हिंसक कृत्यों को आप कैसे उचित ठहरा सकते हैं?’’ अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव ने असम और मिजोरम के प्रतिनिधिमंडलों को यह भी बताया कि दोनों सरकारों को सीमा मुद्दे को

सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के लिए पारस्परिक रूप से चर्चा जारी रखनी चाहिए। असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा संघर्ष को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को बुलाया

था। असम पुलिस ने मिजोरम के मुख्यमंत्री के आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि मिजोरम के लोगों ने इसके कर्मियों पर हमला किया और पथराव किया. इसने ट्वीट किया, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिजोरम से काफी संख्या में

बदमाशों ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमले किए, जो ललितपुर में असम की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए ठहरे हुए हैं.’’

असम पुलिस ने की निंदा

असम पुलिस ने भी कहा, ‘‘हम तोड़फोड़ की इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं और असम की सीमा की रक्षा करने के अपने संकल्प को दोहराते हैं.’’ असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री जोरामथांगा जी कोलासिब

(मिजोरम) के पुलिस अधीक्षक हमसे अपनी चौकियों से हट जाने के लिए कह रहे हैं, अन्यथा उनके नागरिक न तो सुनेंगे, न ही हिंसा रोकेंगे.’’एक वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की परिस्थितियों में हम सरकार कैसे

चलाएंगे? उम्मीद है अमित शाह, प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे.’’ सरमा ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात की है और कहा कि असम पुलिस सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगी. उन्होंने

कहा, ‘‘मैंने तुरंत माननीय मुख्यमंत्री जोरामथांगा जी से बात की. मैंने कहा है कि असम सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगा. मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है.’’

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन पैरा मिलिट्री फोर्स है। असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत

तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) की तरह सीएपीएफ भी सेंट्रल फोर्स है। हालांकि असम राइफल्स (AR) गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है, लेकिन इसका संचालन नियंत्रण

रक्षा मंत्रालय के पास है। सीएपीएफ में से, एआर, बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी सीमा सुरक्षा बल हैं। एनएसजी भारत में एक कमांडो प्रशिक्षित बल संगठन है और इसका इस्तेमाल स्पेशल ऑपरेशन में होता है। वहीं CAPF की

अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक (DG) रैंक के अधिकारी करते हैं। बहरहाल जोरामथांगा ने फिर ट्वीट किया, ‘‘प्रिय हिमंत जी, माननीय अमित शाह जी द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद आश्चर्यजनक रूप से असम

पुलिस की दो कंपनियां नागरिकों के साथ पहुंचीं और मिजोरम के अंदर आज वेयरेंगटे ऑटो रिक्शा स्टैंड पर मौजूद नागरिकों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. उन्होंने सीआरपीएफ कर्मियों/मिजोरम पुलिस से भी संघर्ष

किया.’’ मिजोरम के मुख्यमंत्री ने सरमा से अपील की कि असम पुलिस को निर्देश दें कि वह वायरेंगटे से हट जाए. असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है जबकि मिजोरम में भाजपा नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में

शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है. बाद में मिजोरम के मुख्य सचिव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्टेट बॉर्डर पर हालात फिलहाल शांतिपूर्ण हैं। बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि हर कोई शांति बनाए रखने

की कोशिश करेगा और हिंसा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि विवादित क्षेत्र से स्टेट फोर्स को हटाया जा रहा है। असम के मुख्य सचिव ने भी कहा कि सीएपीएफ स्टेट फोर्स की जिम्मेदारी संभालेगी। उन्होंने कहा

कि पुलिस बलों की वापसी की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक भी बैठक में शामिल हुए क्योंकि अर्धसैनिक बल के जवानों को असम-मिजोरम के तनावग्रस्त सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात

किया गया है। सोमवार को असम के कछार जिले से सटी सीमा पर दो गुटों में झड़प हुई थी। लैलापुर-वैरेंगटे इलाके में दोनों राज्यों का सीमा विवाद है। झड़प के दौरान यहां दोनों राज्यों की पुलिस और स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए। आरोप

है कि संघर्ष के दौरान मिजोरम पुलिस ने असम के पुलिस अधिकारियों की एक टीम पर फायरिंग की, जिसमें असम पुलिस के 6 कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई। साथ ही एक एसपी सहित 50 से अधिक अन्य लोग जख्मी हो गए। तनाव के बाद यहां सीआरपीएफ की दो कंपनियों को तैनात किया यह भी पढ़े

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