रवि शंकर प्रसाद ने इस्तीफा क्यों दिया –

Why did Ravi Shankar Prasad resign?

रवि शंकर प्रसाद ने इस्तीफा क्यों दिया-

नरेंद्र मोदी सरकार के 43 मंत्रियों ने शपथ ले ली है. ये किसी सरकार का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार है.शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही देश के स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और सूचना एवं प्राद्योगिकी मंत्रियों ने इस्तीफ़े दे दिए.

मोदी सरकार के कुल 12 मंत्रियों को पद से हटाया गया है.राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे दो बड़े कारण मानते हैं- एक तो व्यावहारिक राजनीतिक मजबूरियाँ और दूसरा महामारी के बाद जनता को ज़मीनी काम दिखाने की ज़रूरत.ट्विटर से दो-दो हाथ कर रहे रविशंकर प्रसाद को भी त्यागपत्र देना पड़ा है.

कई लोगो का मानना  हैं कि रविशंकर प्रसाद को पद से हटाने की वजह ये विवाद भी हो सकता है.एक राजनितिक विश्लेषक ने कहा  “रविशंकर प्रसाद के इस्तीफ़े को ट्विटर विवाद से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

रविशंकर प्रसाद ने जिस तरह से दुनिया की बड़ी तकनीक कंपनियों कौ चुनौती दी, उससे भारत एक अजीब स्थिति में फँस गया. जहाँ अमेरिका को भी कहना पड़ा कि भारत ग़लत कर रहा है. मुझे लगता है कि भारत का आशय किसी वैश्विक विवाद में फँसना नहीं था.

इससे भी भारत को बहुत दिक़्क़त हुई है. “डेटा पॉलिसी पर बहुत गंभीरता से काम किया जा रहा है. जिस गंभीरता से भारत का संविधान लिखा गया था, उसी गंभीरता से इस पर काम चल रहा है.”सूचना प्रौद्योगिकी, कानून और टेलिकॉम जैसे अहम मंत्रालयों को संभालते आ रहे रविशंकर प्रसाद की कुर्सी छिन गई है।

कैबिनेट विस्तार से कुछ मिनटों पहले अचानक रविशंकर प्रसाद और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के इस्तीफे की खबर आई तो सब चौंक गए। अक्सर अपने फैसलों से चौंकाने वाले पीएम मोदी ने दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट विस्तार में भी सरप्राइज पैकेज दिया।

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वैसे तो विश्लेषक प्रकाश जावड़ेकर के इस्तीफे की वजह भी तलाशने में जुटे हैं, लेकिन अधिक चर्चा रविशंकर प्रसाद की हो रही है।

जनअधिकार पार्टी के नेता और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने तो यहां तक लिखा कि रविशंकर प्रसाद को अमेरिका को खुश करने के लिए हटाया गया है। अधिकतर ट्विटर यूजर्स इसी तरह के सवाल उठा रहे हैं तो कुछ चुटकी लेते हुए उन्हें ट्विटर के देसी वर्जन कू पर यह विस्तार से बताने को कह रहे हैं कि आखिर उनकी कुर्सी क्यों चली गई।

पीएम मोदी ने बुधवार को अपनी मंत्री परिषद का विस्तार किया। इस विस्तार में कई नए और युवा नेताओं को अपनी टीम में जगह दी है। साथ ही कई ऐसे वरिष्ठ मंत्रियों की छुट्टी कर दी, जिनकी उम्मीद नहीं थी। इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम सूचना तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का है।

माना जा रहा है कि मंत्री परिषद के गठन में अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है।रविशंकर प्रसाद का इस्तीफा ऐसे समय पर हुआ है जब उनका अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर से विवाद चल रहा था।

नए आईटी नियमों को लागू करने वाले रविशंकर प्रसाद ने दिग्गज सोशल मीडिया कंपनियों को भारत के नए कानून के मुताबिक चलने को मजबूर किया है। ऐसे समय पर अचानक रविशंकर प्रसाद को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है।

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बहुत से लोग रविशंकर के इस्तीफे को ट्विटर विवाद से जोड़ रहे हैं।भारत लोगों की निजी जानकारियों को लेकर डेटा प्रोटेक्शन लॉ भी ला रहा है. इस पर संयुक्त संसदीय समिति रिपोर्ट तैयार कर रही है. लेकिन रविशंकर प्रसाद ने रिपोर्ट के पेश होने से पहले ही ट्वीट कर दिया था कि वो इस रिपोर्ट से बहुत ख़ुश हैं.

मंत्री परिषद के विस्तार को लेकर टीवी चैनलों पर डिबेट में इस पर खूब चर्चाएं चलीं।

रिपब्लिक भारत में एंकर ऐश्वर्य कपूर के साथ डिबेट में वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि ट्विटर नाम की एक छोटी सी कंपनी ने उपराष्ट्रपति का एकाउंट बंद कर दिया, सूचना तकनीकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का एकाउंट बंद कर दिया।

सरकार की ओर से इसके खिलाफ जो सख्त रवैया पेश किया जाना चाहिए वह ठसक रविशंकर प्रसाद नहीं दिखा सके। इससे बाहर बहुत गलत संदेश गया।उन्होंने कहा इससे लगता है कि इसी वजह से पीएम मोदी ने रविशंकर प्रसाद की मंत्री परिषद से छुट्टी कर दी। यानी छोटे से ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद की बलि ले ली।

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