Ukrain-War अमेरिकी एक्टर भी पैदल चले, कुछ भारतीय छात्रों ने सरकार को कोसा-
by
Rakesh Pandey
·
March 5, 2022
फोटो में हैं हॉलीवुड एक्टर Sean Penn,यूक्रेन में फंसे थे। अपने दो साथियों के साथ कई मील पैदल चलकर पोलैंड बॉर्डर पहुंचे। अमेरिका ने अपने फंसे हुए नागरिकों को यूक्रेन के अंदर से निकालने से मना कर दिया था, उनके कम नागरिक थे, लेकिन थे। यही चीन ने भी किया, अभी भी उनके छात्र यूक्रेन में हैं। मतलब एक बात साफ है कि कोई भी देश यूक्रेन के अंदर विमान भेज कर कुछ नही कर सकता। वॉर जोन है, कुछ भी हो सकता है। किसी भी सेना की एक गलती और पैसेंजर से भरा प्लेन निशाना बना सकता है। ये पहले हो चुका है।
अब बात करते हैं,यूक्रेन से बचा कर लाये गए कुछ ऐसे छात्र-छात्राओं की, जो भारत सरकार को कोस रहे हैं,जिन्हें छेनू चैनल ने खोज ही लिया। रोमानिया पहुंचने के बाद ऐसे लोग, कह रहे हैं “भारत सरकार ने किया ही क्या, हम तो खुद से आये बॉर्डर तक।

Evacuation तो तब होता ना जब भारत सरकार यूक्रेन से लाती।” मोतिहारी का एक दिव्यांशु भी यही सब कह रहा था। भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा दिये गुलाब के फूल को फेंक कर कह रहा था इसका क्या करेंगे.
यूक्रेन से बचाते तो जानते, हमें और पहले से क्यों नही बताया कि यूक्रेन से निकलना है, अमेरिका ने पहले ही बताया था। बताया तो भारत ने भी 15 फरवरी को था, फिर 20 को भी, लेकिन तब दिव्यांशु, सो रहे होंगे।
निकले क्यों नही? किसी पड़ोसी देश में चले जाते, यूक्रेन के सुरक्षित क्षेत्र में जा सकते थे। ये गुलाब जो आपके हाथ में हैं ना वो आपकी फोटो पर भी हो सकता था,अगर भारत सरकार ने सही समय पर निर्देश और सहायता नही दी होती तो।
आप भारत सरकार ने कारण नही फंसे थे यूक्रेन में, आपके लापरवाही के कारण भारत सरकार फंस गई, ऐसे युद्ध में जिससे अपना कोई लेना देना नही था।

फोटो में हैं हॉलीवुड एक्टर Sean Penn,यूक्रेन में फंसे थे। अपने दो साथियों के साथ कई मील पैदल चलकर पोलैंड बॉर्डर पहुंचे। अमेरिका ने अपने फंसे हुए नागरिकों को यूक्रेन के अंदर से निकालने से मना कर दिया था, उनके कम नागरिक थे, लेकिन थे।
यही चीन ने भी किया, अभी भी उनके छात्र यूक्रेन में हैं। मतलब एक बात साफ है कि कोई भी देश यूक्रेन के अंदर विमान भेज कर कुछ नही कर सकता। वॉर जोन है, कुछ भी हो सकता है। किसी भी सेना की एक गलती और पैसेंजर से भरा प्लेन निशाना बना सकता है। ये पहले हो चुका है।
अब बात करते हैं,यूक्रेन से बचा कर लाये गए कुछ ऐसे छात्र-छात्राओं की, जो भारत सरकार को कोस रहे हैं,जिन्हें छेनू चैनल ने खोज ही लिया। रोमानिया पहुंचने के बाद ऐसे लोग, कह रहे हैं “भारत सरकार ने किया ही क्या, हम तो खुद से आये बॉर्डर तक।
Evacuation तो तब होता ना जब भारत सरकार यूक्रेन से लाती।” मोतिहारी का एक दिव्यांशु भी यही सब कह रहा था। भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा दिये गुलाब के फूल को फेंक कर कह रहा था इसका क्या करेंगे।
यूक्रेन से बचाते तो जानते, हमें और पहले से क्यों नही बताया कि यूक्रेन से निकलना है, अमेरिका ने पहले ही बताया था। बताया तो भारत ने भी 15 फरवरी को था, फिर 20 को भी, लेकिन तब दिव्यांशु, सो रहे होंगे।
निकले क्यों नही? किसी पड़ोसी देश में चले जाते, यूक्रेन के सुरक्षित क्षेत्र में जा सकते थे। ये गुलाब जो आपके हाथ में हैं ना वो आपकी फोटो पर भी हो सकता था,अगर भारत सरकार ने सही समय पर निर्देश और सहायता नही दी होती तो।
आप भारत सरकार ने कारण नही फंसे थे यूक्रेन में, आपके लापरवाही के कारण भारत सरकार फंस गई, ऐसे युद्ध में जिससे अपना कोई लेना देना नही था।