मृत मरीज का होता है रायबरेली के जिला अस्पताल में इलाज

kesav prasad
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(Reporter L.N.Singh) अभी तक फिल्मों में आपने देखा होगा कि प्राइवेट हास्पिटल में मृत मरीज का इलाज किया जाता है पर आज हम आपको वीवीआईपी जिला कहे जाने वाले रायबरेली के जिला अस्पताल की वो तस्वीरे दिखएँगे जो न सिर्फ जिला अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाती है.

बल्कि किस तरह स्टॉफ नर्सो द्वारा मृत मरीज का इलाज किया जा रहा है। बस फ़िल्म और हकीकत में दो फर्क है फिल्मों में मृत मरीज के परिजनों से रुपये की कमाई के चलते इलाज किया जा रहा होता है और हकीकत तस्वीर यानी रायबरेली के जिला अस्पताल में सिर्फ लापरवाही के चलते मृत मरीज का इलाज किया जाता है।

दरअसल रायबरेली के जिला अस्पताल के इमरजेंसी के सामने बने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज की नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते न सिर्फ जान  चली गई बल्कि यह तीन तस्वीरें हैं जो आपके सामने लापरवाही व मानवीय संवेदना की पराकाष्ठा को बता रही हैं .

पहली तस्वीर में सफाई कर्मी महिला द्वारा भर्ती मृत हो गए युवक के शरीर से जांच के लिए ब्लड निकालने के दौरान कई बार सफाई कर्मी महिला द्वारा ब्लड निकालने की कोशिश की गई लेकिन नाकाम रही परिजनों ने नाराजगी जताते हुए ब्लड निकालने से मना कर दिया.

उसके कुछ देर बाद डॉक्टर अभिजीत सैनी भारतीय जनता पार्टी की झंडी फॉर्च्यूनर में सवार होकर आए और दूर से ही देख कर चले गए तब तक भर्ती मरीज की मौत हो गई थी जब मीडिया ने मृतक की तरफ कैमरा घुमाया तो जिला अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मी  प्राइवेट अस्पताल की तरह इलाज  20 मिनट पहले मर चुके युवक को ऑक्सीजन लगाया जा रहा है.

यही नहीं कुछ देर बाद एक स्वास्थ्य कर्मी वहां से 2 इंजेक्शन लेकर आए जो बाहर से  800-800 में मंगाए गए थे जो तुरंत लगी ड्रिप में दोनों इंजेक्शन लगा दिए गए जिनकी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई।

वही ईएमओ डॉ नवीन शर्मा मौके ओर आये और मृत मरीज का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को जमकर फटकार भी लगाई। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा की स्टाफ नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते उनके मरीज की जान चली गई .

दरअसल ऊंचाहार थाना क्षेत्र के खरौली ग्राम निवासी राजेश कुमार पांडे  के भाई अपने भतीजे को जिला अस्पताल में ब्लड चढ़ाने के लिए लाए थे मृतक के परिजनों ने बताया कि उनके मरीज को ब्लड कैंसर है किसी डॉक्टर द्वारा सलाह दी गई थी।

ब्लड के लिए  रायबरेली जिला चिकित्सालय में लाकर मरीज को भर्ती करवाया गया था लेकिन 2 घंटे में ही मरीज की मौत हो गई मृतक के परिजनों ने कहा कि हमारा तो रायबरेली जिला अस्पताल से वह उनकी व्यवस्थाओं से भरोसा उठ गया हम शिकायत करके करेंगे भी क्या कोई सुनवाई नहीं होगी सिस्टम ही ऐसा चल रहा है।

वही जब इस पूरे प्रकरण में जिला अस्पताल में तैनात ईएमओ डॉ नवीन शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके सामने ही मरीज को लाया गया था और उसे एडमिट किया गया था उसे ब्लड कैंसर था पर जब लापरवाही व मृत मरीज के इलाज के बारे में पूंछा गया तो डॉ साहब गोलमाल जवाब देने लगे।

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