मोदीजी (போசாடி வாலே) श्रीलंका की मदद करने से पहले ये कहानी पढ़ लो

Modiji (போசாடி ) read this story before helping Sri Lanka

साल 2013 … मैं पहली बार श्रीलंका की राजधानी कोलंबो गया था … नई दिल्ली से डायरेक्ट फ्लाइट थी श्रीलंकन एयरलाइंस की … डायरेक्ट फ्लाइट साडे 3 घंटे की … मैं रात को 10:00 बजे कोलंबो पहुंचा … इमीग्रेशन – कस्टम क्लियर कर के मैं 11:00 बजे एयरपोर्ट से बाहर निकला … होटल की टैक्सी मुझे लेने के लिए खड़ी थी …

एयरपोर्ट से होटल की दूरी लगभग 35 किलोमीटर थी … उन दिनों एक्सप्रेसवे नहीं बना था … शहर के ट्रैफिक से निकलते- निकलते मैं लगभग 12:30 बजे होटल पहुंचा … सोते-सोते रात में 1:00 बज गई … सुबह 8:00 बजे नींद टूटी … तैयार होकर मैनें डिस्ट्रीब्यूटर को फोन किया … उसने कहा आज पोया डे है … पब्लिक हॉलिडे हैं आप चाहो तो रिलैक्स कर सकते हो … काम कुछ नहीं होगा … खैर होटल में नाश्ता कर … मैं गंगा रामा टेंपल पहुंच गया …

गंगा रामा टेंपल और सीमा मलाका टेंपल आस पास में ही है … दो-तीन घंटे समय गुजार कर … मैं अपने होटल वापस पहुंचा … लंच का समय हो गया था … मैंने सोचा आस-पास के कोई फूड जंक्शन को ट्राई किया जाए … होटल से निकलकर मैं इधर-उधर घूम रहा था … अचानक मुझे एक फूड जंक्शन का बोर्ड दिखाई पड़ा … छोटा सा रेस्टोरेंट था … साफ सुथरा …

अंदर पहुंचा तो देखा एक वृद्ध सज्जन … जो सफेद हाफ शर्ट में अपने काउंटर पर बैठे हुए हैं … माथे पर बहुत ही खूबसूरत तिलक लगा था … उनके पीछे दीवार पर … श्रीगणपति – श्री लक्ष्मी – श्री दुर्गा – श्री शिव – श्री तिरुपति और श्री सरस्वती की बेहद आकर्षक कांच के फ्रेम में फोटो लगे हुए थे … जिनमें रंग बिरंगी बत्तियां जल बुझ रही थी …

बेहद सुगंधित अगरबत्ती का खुशबू चारों ओर फैला हुआ था …जैसा कि मेरी आदत है … मैनें दोनों हाथ जोड़कर मैंने भी उन्हें नमस्कार किया … उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई … फिर मैंने उनसे अंग्रेजी में पूछा पूछा क्या मुझे शाकाहारी खाना मिल सकता है … उन्होंने टूटी-फूटी हिंदी में कहा … अन्ना जरूर मिलेगा … आप बैठो … कहकर वह अपने काउंटर से बाहर निकले … मुझे एक टेबल पर बिठाया … वे अंदर किचन में पहुंचे … उनके साथ एक वेटर स्टील की थाली लाकर मेरे सामने रखा जिसमें केले का पत्ता रखा हुआ था ..

उसने चावल … सांभर … रसम …दो तरह की चटनी पापड और एक कटोरी में थोड़ी दाल लाकर दिया … उन्होंने कहा ….यह प्योर वेजीटेरियन खाना है आप अच्छे से खाओ … खाना खाने के बाद मैंने पैसे देने के लिए उनके काउंटर पर पहुंचा … उन्होंने मुझसे टूटी-फूटी हिंदी में पूछा … क्या मैं दिल्ली से हूं … मेरे हां सुनते ही वह मुस्कुराए … और बोले वह एक बार दिल्ली गया था … लेकिन पराठे खा खा कर परेशान हो गया … और बहुत गर्मी थी ..

. मैंने उनसे पूछा आप श्रीलंका से ही है … उनका कहना था जी … हमें पता ही नहीं कि हमारे पूर्वज कब इंडिया से इधर आया … लेकिन कम से कम 1000 साल तो हो ही गया है … फिर उन्होंने पूछा मुझे उनका खाना कैसा लगा … मैंने कहा खाना बहुत अच्छा था ….और मैं रात में फिर आऊंगा खाने के लिए … शाम को लगभग 7:00 बजे फिर मैं पहुंचा … मुझे देखते ही उन्होंने हाथ जोड़कर नमस्कार किया …

मैंने उनसे इडली देने को कहा … वेटर ने इडली दाल सांभर वाइट चटनी और यलो चटनी सर्व की … मैंने इडली खाना शुरू किया … वे मेरी टेबल पर आकर खडे हुए … मैंने उन्हें भी डिनर के लिए इनवाइट किया … वह हंसने लगे … और बोले मैं रात में 10:00 बजे खाता हूं … घर पर वाइफ के साथ … मैंने बातचीत शुरू करने के लिए पूछा … आप तमिल हो … सिविल वार के समय आपको तकलीफ नहीं हुई …

वे अचानक चौकं करअपने दाएं बाएं देखा फिर एकदम धीरे आवाज में मुझसे कहा आप इस विषय में कोई बात मत करना आप सीरियस प्रॉब्लम में पड़ जाओगे … खाना खाकर मैंने उनसे विदा ली…दूसरे दिन में अपने डिस्ट्रीब्यूटर के साथ था … हमने लंच एक इंडियन रेस्टोरेंट ली … डिनर के लिए मैं वापस वही पहुंचा … एक दूसरे को नमस्कार किया … उन्होंने कहा अन्ना आज दोपहर में नहीं आया … मैंने कहा सर मैं डिस्ट्रीब्यूटर के साथ था … खाना उधर ही खा लिया … अभी क्या खाएगा उन्होंने पूछा…

मसाला डोसा बनवा दो मैंने कहा … ठीक है इस तरह से दो-तीन दिन गुजर गया … एक दिन जब मैं पहुंचा तो उनके रेस्टोरेंट में कोई नहीं था … तो उनके काउंटर पर खड़े खड़े बातचीत शुरू हुई … उन्होंने काउंटर से अपना सिर आगे किया … लगभग मेरे चेहरे के पास लाकर बोला … अन्ना आप जब तक श्रीलंका में हो … तब तक आप सिविल वार … एलटीटीई … प्रभाकरण … तमिल … के बारे में कोई भी बात … किसी से भी नहीं करोगे … काफी पुलिस और इंटेलिजेंस के लोग होते हैं …

अगर किसी ने भी आपकी बात सुन ली … और पुलिस को इन्फॉर्म कर दिया … तो आप बहुत ही सीरियस प्रॉब्लम में फंस जाओगे … मैंने उनसे पूछा आप ही बता दो क्या हुआ था … उन्होंने कहा मैं यहां कुछ नहीं बता सकता हूं … एक शाम उनकी धर्मपत्नी भी थी … कीमती साड़ी और बहुत सारे जेवर पहने हुए … उन्होंने अपनी धर्मपत्नी को मेरे बारे में कुछ अपने लैंग्वेज में बताया … उनकी धर्मपत्नी को हिंदी नहीं आती थी …. उन्होंने मुझसे टूटी-फूटी अंग्रेजी में घर आने को कहा …

मैंने भी कह दिया जल्दी आऊंगा … दूसरा दिन शाम को मैं उनका रेस्टोरेंट पहुंचा … वह मुझे लेकर अपने घर … उनका घर लगभग 300 मीटर दूर था …उनकी धर्मपत्नी मुझे देखकर बहुत खुश हुई … उन्होंने हमें पानी दी … और थोड़ी देर में बेहद शानदार कॉफी भी … इधर उधर की बातें हो रही थी … घर की परिवार की …मैंने उनसे पूछा आप तो तमिल हो … इतने साल से श्रीलंका में हो … इतनी बड़ी सिविल वार हुई … आप बहुत कुछ जानते होंगे … मुझे कुछ नहीं बताएंगे … उन्होंने कहा अन्ना जो हो गया उसे भूल जाओ … हमारा सब कुछ खत्म हो चुका है … सिर्फ हम पति-पत्नी हैं … हमारी उम्र 75 से ज्यादा है … हम कितने दिन बचेंगे पता नहीं … जब तक हाथ-पैर चल रहा है … मैं रेस्टोरेंट चला रहा हूं …

मरने के बाद वह भी बंद हो जाएगा ….उनकी आंखों में आंसू आ गए थे … उन्होंने आगे कहा … दो बेटियों के पैदा होने के 11 साल बाद एक बेटा हुआ … मेरे तीनो बच्चों की हत्या कर दी गई मेरी तो आवाज ही बंद हो गई … मैं अवाक रह गया … एक घूंट पानी पीकर उन्होंने कहना शुरू किया … इंडिपेंडेंस के बाद श्रीलंका से लगभग पांच लाख तमिल भागकर इंडिया चले गए … और लगभग दश लाख तमिलों की नागरिकता समाप्त हो गई … हम स्टेट लेस हो गये … इस देश में हमारा कोई अस्तित्व नहीं रहा … हजारों तमिल जो सरकारी नौकरी में थे … उनकी नौकरी समाप्त कर दी गई …

सरेआम तमिलों की हत्या होती थी … महिलाओं के साथ बलात्कार … तमिलों के घर में आग लगा दिया जाता था … उनकी दुकान और मकान लूट ली जाती थी … हमारी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं होती थी … ना ही हमें कोई सुरक्षा प्रदान किया जाता था … हम जीवित थे तो सिर्फ अपने अड़ोस पड़ोस के लोगों के बदौलत … पुलिस हमें प्रोटेक्ट करने नहीं आती थी ..

. हम अपने ही देश में सेकंड क्लास सिटीजन हो गये थे … हमारा भविष्य अंधकार में था … मेरी दोनो बेटियों की शादी … ईस्ट श्रीलंका में हुआ था … और बड़ी बेटी का एक बेटा भी था 3 साल का … उनके परिवार पूरे परिवार को गोलियों से भून दिया गया … मेरी बेटा जो स्कूल स्टूडेंट था … उसकी की हत्या कोलंबो में कर दी गई …

जब स्कूल से लौट रहा था … उसकी आईडेंटिटी कार्ड देख कर .. उसे point-blank रेंज से गोली मार दी गई … उसके सर के टुकड़े टुकड़े हो गए … हे भगवान … मेरे मुंह से आवाज निकलना भी बंद हो गया था … उन्होंने कहना जारी रखा … चुन-चुन कर दुकानों में आग लगा दी जाती थी … और सामने से दरवाजे बंद कर दिए जाते थे … तमिल दुकानदार अंदर ही जलकर राख हो जाते थे … बाहर से चीखते चिल्लाते उनकी महिलाओं के साथ सड़कों पर बलात्कार होता था … साथ में नारा लगा जाता था …. हम तमिलों की हत्या कर देंगे ..

. और उनकी औरतों से अपने बच्चे पैदा करेंगे … मेरे रोंगटे खड़े हो गए … हम दोनों के हीं आंखों में आंसू थे उनकी पत्नी को हिंदी समझ में नहीं आ रही थी … लेकिन वह हाव-भाव से समझ पा रही थी … उन्होंने कहा एक लाख से ज्यादा तमिल सिविलियंस ही हत्या हुई … 25000 से ज्यादा तमिल महिलाओं की बलात्कार के बाद वीभत्स हत्या कर दिया गया … खिड़की से उन्होने बाहर की लेन दिखाइ … चुकी कोलंबो समुद्र के किनारे हैं … तो बारिश अधिक होती है … लेन के दोनों और नालियां थी … उन्होंने नालियों की तरफ इशारा करते हुए कहा …

वह ड्रेनेज सिस्टम देख रहा है … अभी कवर्ड है … उस समय कवर्ड नहीं होता था … और उन ड्रेनेज सिस्टम से सिर्फ खून बहते थे …

कोलंबो में ऐसे ऐसे जगह थे …. जहां सड़क पार करने के लिए खून के सैलाब को पार करना पड़ता था … हमें पता नहीं होता था … कब हमें एक गोली आकर लगेगी … और हम समाप्त हो जाएंगे … एक गोली मेरे बेटे को लगी … वह स्कूल स्टूडेंट था … मेरे बेटे का सर का परखच्चे उड़ गया था … मैंने सिर्फ उसका शरीर का अंतिम संस्कार किया …

मेरी दोनों बेटियां अपने पूरे परिवार के साथ समाप्त हो गई थी … कोई नहीं बचा … हम दोनों के सिवा … अन्ना बुरा मत मानना … आप मेरे बेटे के जैसे हो … बाहर कभी भी इस सिलसिले में किसी से बात मत करना … मेरे बहुत से रिश्तेदार थे कोलंबो में … और आसपास ….अधिकांश मारे गए … पूरी की पूरी एक कम्युनिटी का सर्वनाश हो गया और दुनिया देखती रही … कुछ लोग इसको बर्दाश्त नहीं कर पाए … उन्होंने लड़कर मरना पसंद किया ….

बहुत सारे छोटे छोटे विद्रोही गुट बन गए … उन विद्रोहियों का एक संगठन बना … जिसको एलटीटी के नाम से जाना जाता है … अगर एलटीटी नहीं होती तो आज एक भी तमिल हिंदू ….श्रीलंका में जिंदा नहीं होता … प्रभाकरण मर गया ….उसका खानदान समाप्त हो गया … लेकिन यह उसकी संघर्ष का परिणाम है … कि कुछ तमिल आज भी श्रीलंका में जिंदा है …

भूख समाप्त हो चुकी थी … फिर भी उनके जोर देने से … मैंने थोड़ा सा खाना खाया … वापस मुझे मेरे होटल तक छोड़ने आए … रात भर मैं सो नही पाया … उसके बाद जब भी श्रीलंका जाता था … उनके रेस्टोरेंट मैं जरूर जाता था … 2017 में उनका देहांत हो गया … तीन महीने के बाद उनकी पत्नी का भी … उनका रेस्टोरेंट और उसके आसपास के दुकानों को तोड़कर एक सुंदर सा कंपलेक्स बन गया … आज भी स्थित है कोलंबो बाम्बलापिटिया में …

—यशवंत पाण्डेय की फेसबुक पोस्ट

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