पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की सोनीपत के पास सड़क हादसे में मौत उनके साथ उनके साथ एक महिला दोस्‍त भी थी

deep sidhu
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चंडीगढ़: एक्‍टर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) की हादसे में मौत (Deep sidhu died) हो गई है। खरखौदा सोनीपत के पास उनकी गाड़ी की टक्‍कर (Deep sidhu accident) हो गई थी।

उनके साथ दो दोस्‍त भी थे जो घायल हुए हैं। उन्‍हें इलाज के लिए अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जाता है कि उनकी गाड़ी की टक्‍कर किसी कंटेनर के साथ करनाल टोल प्‍लाजा के पास हुई थी।

वह स्‍कॉर्पियो गाड़ी में सफर कर रहे थे। उनके साथ एक महिला दोस्‍त भी थी। दीप सिद्धू का शव खरखौदा अस्पताल में है। वहां से सोनीपत भेजा जा रहा है।

पिछले साल 26 जनवरी को किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान लाल किले में हुई हिंसा (Red Fort Violence) की घटना में अभिनेता-किसान आंदोलन कार्यकर्ता दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनकी कार की करनाल टोल प्‍लाजा के पास एक कंटेनर से टक्‍कर हुई थी।

पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। सोनीपत पुलिस ने हादसे की पुष्टि की है। हादसा सोनीपत के पास हुआ है। अभी आ रही सूचनाओं में बताया गया है कि दीप सिद्धू की गाड़ी किसी बड़े वाहन से टकराई थी।

वो दिल्ली से बठिंडा जा रहा था।दीप सिद्धू को किसान आंदोलन के दौरान 2021 में लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने और वहां हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपी बनाया था।

वो केस अभी भी लंबित है। दीप सिद्धू जमानत पर बाहर था। 26 जनवरी 2021 को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराने के मामले के मुख्य अभियुक्त दीप सिद्धू के बाद एक और अभियुक्त इक़बाल सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था।

इक़बाल सिंह की गिरफ़्तारी बुधवार को पंजाब के होशियारपुर से की गई थी। दिल्ली पुलिस ने इक़बाल सिंह पर 50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया था।

26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराए जाने की घटना के बाद से ही दीप सिद्धू फरार था। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने सिद्धू से पूछताछ की थी।

दीप सिद्धू की गिरफ़्तारी दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उसकी तसवीरें सामने आने के बाद से ही यह कहा जा रहा था कि उसे शह मिली हुई है और तभी वह सैकड़ों लोगों के साथ लाल किले तक पहुंच गया।

दीप सिद्धू से पूछताछ के बाद यह पता चलने की उम्मीद थी कि लाल किले पर निशान साहिब फहराने और ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के पीछे किसका हाथ है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने आज तक नहीं बताया कि हिंसा के पीछे किसका हाथ था.

दिल्ली पुलिस ने इनकी तलाश में दिल्ली और पंजाब में लगातार छापे मारे थे। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को भड़काने को लेकर दिल्ली पुलिस ने बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, जजबीर सिंह और इक़बाल सिंह पर 50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया था।

26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई थी और एक गुट ने तय वक़्त से पहले ही रैली निकाल दी थी। पुलिस ने बल का प्रयोग कर उन्हें रोकने की कोशिश की थी।

इस दौरान आईटीओ पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। लाल किले के परिसर में कुछ लोग ट्रैक्टर लेकर घुस गए थे और वहां निशान साहिब फहरा दिया था। उस दौरान एक वीडियो में दीप सिद्धू को भी देखा गया था। इसके बाद से दीप सिद्धू फरार हो गया था।

ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया था कि 26 जनवरी से पहले वाली रात को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के मंच को कुछ लोगों ने हथिया लिया था और उन्होंने ‘हमारा रूट रिंग रोड’ का नारा दिया था।

जबकि संयुक्त किसान मोर्चा और पुलिस के बीच जो तीन रूट तय हुए थे उसमें रिंग रोड शामिल नहीं थी। कुछ युवा इसका विरोध कर रहे थे। दीप सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सनी देओल के लिए प्रचार किया था।

लाल किले पर हुई हिंसा के बाद कई किसान नेताओं ने युवाओं को गुमराह करने के लिए दीप सिद्धू की आलोचना की थी और उन्हें केंद्र सरकार का दलाल बताया था।

किसान आंदोलन से चर्चा में आए

दीप सिद्धू उस समय चर्चा में आए थे जब पिछले साल कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनकारी किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्‍टर परेड निकाली।

उसी दौरान कुछ लोगों ने लाल किले पर चढ़कर धार्मिक झंडा लगा दिया था। इस मामले में दीप सिद्धू पर आरोप लगा था कि उन्‍होंने आंदोलनकारियों को उकसाया था। इसके बाद से बताया जा रहा था कि दीप को धमकियां मिल रही थीं।

गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। सिद्धू पर आरोप था कि घटना के बाद से सिद्धू सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रहे थे। जिन्‍हें उनकी एक महिला मित्र अपलोड कर रही थी।

लालकिले की घटना के बाद सनी का ट्वीट

सिद्धू ने लालकिले की घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उसने कहा था कि हमने सिर्फ लालकिले पर निशान साहिब वाला ध्वज फहराया है जो कि हमारा लोकतांत्रिक हक है।

वहां पर तिरंगा नहीं हटाया गया था। इस वीडियो को लेकर भी तमाम थ्योरीज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। वहीं दिल्ली के पूरे घटनाक्रम के बाद गुरदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल ने कहा कि उनका या उनके परिवार का सनी देओल का कोई संबंध नहीं है।

‘दीप सिद्धू सनी देओल के चुनाव प्रभारी थे’

भले फिल्म ऐक्टर और गुरदासपुर के सांसद सनी देओल ने दीप सिद्धू से अपने रिश्ते ना होने के दावे किए हों, लेकिन यह बात जरूर है कि दीप 2019 के चुनाव में उनके चुनाव प्रभारी थे।

किसान संगठनों का दावा है कि सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सिद्धू के लिए गुरदासपुर में जमकर प्रचार किया था। साल 2020 दिसंबर में देओल ने सिद्धू से दूरी बना ली थी।

 

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