Big Bazaar vouchers: कूड़ा हो गए बिग बाजार के हजारों करोड़ के वाउचर! Video Attached

Big Bazaar vouchers Thousands of crores of Big Bazaar vouchers have become garbage!

हाइपरमार्केट चेन बिग बाजार (Big Bazaar) के अधिकांश स्टोर्स पर अब मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने कब्जा कर लिया है। इससे देश के कई शहरों में स्टोर्स पूरी तरह बंद हो गए हैं। सवाल उठता है कि बिग बाजार के करोड़ों रुपये के वाउचर का अब क्या होगा..

नई दिल्ली: बिग बाजार (Big Bazaar) के अधिकांश स्टोर्स पर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने कब्जा कर लिया है। बिग बाजार भारी कर्ज में डूबे फ्यूचर ग्रुप (Future Group) की कंपनी फ्यूचर रिटेल (Future Retail) ऑपरेट करती है। देश के कई शहरों में बिग बाजार के स्टोर बंद होने से उन ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं जिनके पास इस हाइपरमार्केट चेन के वाउचर हैं।

अब उनके पास वाउचर भुनाने (redeem) का कोई विकल्प नहीं रह गया है। इनमें से कई ग्राहकों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि उनके पास बिग बाजार के हजारों रुपये के वाउचर पड़े हैं लेकिन वे उनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

30 साल के विपुल दुलांगे ने कहा कि उनके पास 6,000 रुपये के बिग बाजार वाउचर हैं जिनकी वैलिडिटी दिसंबर 2023 तक है। लेकिन स्टोर्स के रिलायंस के हाथों में जाने के बाद हम उन्हें भुना नहीं सकते हैं। कंपनी के कस्टमर सपोर्ट ने जो टोल फ्री नंबर और ईमेल आईडी दिया है, वह काम नहीं कर रहा है। बिग बाजार को ऐसे लोगों के लिए कुछ तरीका निकालना चाहिए जिनके पास इस तरह के वाउचर हैं।

कंपनी के पास अब कितने स्टोर

इसी तरह शिवानी अवलकांथे के पास बिग बाजार के 4,000 रुपये के वाउचर हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने इस बारे पूछताछ की तो एक कस्टमर सर्विस रिप्रजेंटेटिव ने कहा कि उन्हें रोजाना इस तरह की कई मेल आ रही हैं और कई फाइलें पेंडिंग हैं।

जब तक उन्हें इस बारे में ऑर्डर नहीं मिल जाता तब तक वे कुछ नहीं कर सकते। फ्यूचर रिेटेल के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इंडस्ट्री के एक सीनियर इंडस्टी एग्जीक्यूटिव ने कहा कि देशभर में कंपनी के पास अब केवल 30 बिग बाजार स्टोर रह गए हैं। इनमें कस्टमर अपने वाउचर रिडीम कर सकते हैं।’

एक सूत्र ने कहा कि वाउचर के बदले पैसे नहीं लौटाए जा सकते हैं क्योंकि एफआरएल के बैंक अकाउंट फ्रीज हैं। अमूमन कंपनियां वाउचर खरीदती हैं और इन्हें अपने कर्मचारियों को बांटती हैं।

एक समय में वाउचर बिजनस के कंपनी को करीब 200 करोड़ रुपये की कमाई होती थी। किशोर बियानी की कंपनी एफआरएल अभी बैंकरप्सी प्रॉसीडिंग से गुजर रही है। फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल बिजनस को रिलायंस को बेचने के लिए 2020 में एक डील की थी लेकिन इसे हाल में कैंसल कर दिया गया था। उससे पहले फरवरी में रिलायंस ने बिग बाजार के 800 से अधिक स्टोर्स पर कब्जा कर लिया था।

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