प्रयागराज: शूद्र और छत्रिय बॉयफ्रेंड के बाद अफजल और निसार ने भी लूटी थी ब्राह्मण छात्रा की इज्जत; किया चौंकाने वाला खुलासा

प्रयागराज: कर्नलगंज में बेरहमी से मौत के घाट उतारी गई बीए की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। कत्ल कर कुएं में फेंके जाने से पहले उसके साथ ही दो अन्य युवकों ने दरिंदगी की थी। यह वही दो युवक थे जिनकी आवाज सुनकर छात्रा का दोस्त घबरा गया था और उसे वहीं छोड़कर भाग निकला था। पुलिस ने इनमें से एक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि उसके साथी की तलाश की जा रही है।

गिरफ्तार युवक मो. अफजल है जो घटनास्थल के ठीक बगल स्थित सादियाबाद मोहल्ले का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि मामले में मृतका के दोस्त और उसके दो साथियों को जेल भेजने के बाद जांच पड़ताल की जा रही थी। उन दो लोगों का पता लगाया जा रहा था, जिनका नाम मृतका के दोस्त ने अपने बयान में लिया था।

सर्विलांस के माध्यम से सामने आया था नाम

जांच पड़ताल के दौरान ही सर्विलांस व अन्य माध्यमों से अफजल व उसके साथी निसार का नाम सामने आया। ज्यादा जानकारी जुटाने पर पता चला कि दोनों अक्सर शाम को घटनास्थल के पास ही घूमते थे और वहां घूम रहे युवक-युवतियों को डरा धमकाकर शिकार बनाते थे। पुलिस का शक तब और गहरा गया जब दोनों घर छोड़कर फरार मिले।इसके बाद से उनकी तलाश शुरू की गई तो अफजल की लोकेशन मुंबई में मिली। जिस पर सुरागराशी जारी रही। तीन दिन पहले सटीक सूचना पर उसे छिंवकी स्टेशन से तब उठा लिया गया, जब वह शहर आ रहा था। हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने घटना में संलिप्तिता कबूल ली। बताया कि घटना वाली रात न सिर्फ उसने व उसके दोस्त ने छात्रा से दुष्कर्म किया, बल्कि उसे कुएं में भी फेंकने वाले वही थे।

अचेत हालत में किया दुष्कर्म

पुलिस के मुताबिक, अफजल ने बताया कि अमन छात्रा से जबरदस्ती कर रहा था जिस पर उसने शोर मचाया। आवाज सुनकर वह अपने साथी संग पहुंचा तो छात्रा अचेत पड़ी थी। इसके बाद उसने भी अपने दोस्त संग मिलकर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया।

इसके बाद छात्रा को कुएं में फेंककर भाग निकले। साथ ही शव मिलने के बाद पुलिस की गतिविधियां देखकर शहर छोड़कर चले गए। पुलिस का कहना है कि जांच पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि अफजल पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं कर चुका है। जिसमें पीड़ितों ने लोकलाज के भय के चलते शिकायत नहीं दर्ज कराई।

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पुलिस अफसरों के मुताबिक, मृतका के पिता की तहरीर पर नामजद केस दर्ज करने के बाद अमन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो कई अहम राज खुले। उसने बताया कि वह मृतका को पिछले 10 महीने से जानता था। वह ईश्वरशरण कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष का छात्र था और छात्रा भी उसके साथ पढ़ती थी। कर्नलगंज में बीए की छात्रा की बेरहमी से हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मृतका के प्रेमी अमन सिंह व उसके दो साथियों को गिरफ्तार करते हुए अफसरों ने दावा किया कि उसने ही दुष्कर्म के साथ ही नाक-मुंह दबाकर छात्रा की हत्या की। इसके बाद अपने दो दोस्तों की मदद से शव ठिकाने लगाने के लिए दोबारा मौके पर भी गया।

वह मृतका पर शक करता था और इसी बात को लेकर घटनास्थल पर दोनों के बीच विवाद हुआ। इसके बाद ही उसने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने शाम को तीनों को जेल भेज दिया।

पुलिस अफसरों के मुताबिक, मृतका के पिता की तहरीर पर नामजद केस दर्ज करने के बाद अमन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो कई अहम राज खुले। उसने बताया कि वह मृतका को पिछले 10 महीने से जानता था। वह ईश्वरशरण कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष का छात्र था और छात्रा भी उसके साथ पढ़ती थी।

कोविड के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बने व्हाट्सएप ग्रुप से दोनों के बीच नंबरों का आदान प्रदान हुआ और फिर कॉल, चैट के साथ ही मिलना जुलना भी शुरू हो गया। हालांकि नवंबर से उनकेरिश्ते में खटास आ गई। दरअसल अमन छात्रा पर शक करता था और इसी बात को लेकर वह उससे फोन पर गालीगलौज भी करने लगा।

बेहोश होने के बाद किया दुष्कर्म

पुलिस के मुताबिक, 22 जनवरी की शाम 6.30 बजे के करीब अमन ने फोन कर छात्रा को किताब देने के बहाने आईईआरटी मैदान के पास बुलाया। वहां गाड़ियों की आवाजाही की वजह से वह उसे बहाने से जंगल के भीतर स्थित कुएं के पास ले गया और सीढ़ियों पर बैठकर बातचीत करने लगा।

अफसरों का दावा है कि बातचीत के दौरान ही शक जताते हुए उसने फटकारना शुरू किया तो छात्रा ने पुलिस से शिकायत करने की धमकी देते हुए चीखने की कोशिश की। जिस पर उसने उसके चेहरे घूंसे मारे और इसके बाद दोनों हाथों से उसका मुंह व नाक दबा दिया। छात्रा बेहोश हो गई तो उसके साथ दुष्कर्म किया। वह शव को कुएं में फेंकने वाला था तभी कुछ लोगों ने आवाज लगाई जिस पर वह भाग निकला।

दोस्तों के साथ दोबारा पहुंचा मौके पर

पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से भागकर वह सलोरी पहुंचा और फिर फोन से अपने साथी दीपक यादव को बुलाया। दीपक के कहने पर उनका एक अन्य साथी निखिल कनौजिया भी पहुंच गया जिसके बाद तीनों मौके पर शव को ठिकाने लगाने की नीयत से पहुंचे।

अफसरों का कहना है कि वहां शव नहीं मिला जबकि छात्रा का बैग कुएं के पास ही पड़ा था। बैग को कुएं में फेंककर तीनों वापस चले आए। अगले दिन 11 बजे के करीब अमन ने छात्रा की सहेली को फोन कर उसकेबारे में पूछा और उसके न लौटने की बात पता चलने पर फोन काट दिया।

अब तक की तफ्तीश में सामने आए तथ्यों, आरोपियों के बयान और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से यही साबित होता है कि अमन ने छात्रा को धोखे से बुलाकर दुष्कर्म व हत्या की। दीपक व निखिल ने घटना की जानकारी के बाद भी आरोपी का साथ दिया और साक्ष्य छिपाने में मदद की। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। – अजय कुमार, एसएसपी

किसकी क्या थी भूमिका

1-अमन सिंह राजपूत निवाीस सिधौना, मेहनाजपुर आजमगढ़ (मुख्य आरोपी)

2- दीपक यादव निवासी पवई लाटपुर, सरायमीर आजमगढ (सह अभियुक्त व साक्ष्य छिपाने के आरोपी)

3- निखिल कनौजिया निवासी अमारी, सरायलखनसी, मऊ (सह अभियुक्त व साक्ष्य छिपाने के आरोपी)

बड़ा सवाल: कुएं में किसने फेंका शव?

पुलिस ने भले ही मामले का खुलासा कर दिया हो, लेकिन एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब अफसरों के पास नहीं है। पुलिस की थ्योरी के मुताबिक, कुछ लोगों के आवाज लगाने पर छात्रा को घटनास्थल पर ही छोड़कर आरोपी अमन भाग निकला था।

दोबारा दोस्तों के साथ वहां पहुंचने पर छात्रा नहीं मिली। जिसके बाद तीनों वापस चले आए। सवाल यह है कि छात्रा का शव कुएं में किसने फेंका। पुलिस अफसरों का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है। आरोपी इस बाबत कुछ बता नहीं पा रहे हैं। जांच पड़ताल की जा रही है।

राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के प्रदेश महामंत्री सत्येंद्र शुक्ला ने कड़ी भर्त्सना की

राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के प्रदेश महामंत्री सत्येंद्र शुक्ला ने कहा है कि प्रयागराज में एक ब्राह्मण बेटी से रेप व हत्या की घटना की राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ ने कड़ी भर्त्सना की है। इस प्रकरण में पुलिस ने अभी तक तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। जबकि इस घटना में और लोगों की भी संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। दूषित राजनीति करने वाले लोग रेप व हत्या जैसे गंभीर प्रकरण पर जाति देख कर ही विरोध करते हैं। हाथरस कांड में पीड़िता के साथ दलित की बेटी कहकर पूरा विपक्ष खड़ा था। ब्राह्मण समाज की इस बेटी को न्याय दिलाने एक भी राजनीतिक दल सामने नहीं आए। हाथरस रेप पीड़िता परिवार को 25 लाख मुआवजा व एक मकान दिया गया, परंतु प्रयागराज की रेप पीड़िता के परिवार को अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया।

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