उन्नाव : सिटी मजिस्ट्रेट ने सुनी बेटी की फरियाद, मात्र 5 घंटे में लौटाई घर की खुशियां, मना जश्न-
Unnao: City magistrate listened to daughter’s complaint, returned home happiness in just 5 hours, celebrated celebration-
दुनिया में कुछ भरोसा नहीं होता , जिस चीज की उम्मीद किसी को नहीं होती वो काम पल भर में हो जाता है। ऐसा ही एक अनोखा मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव में सामने आया है। जहां पर बेटी के मैसेज से सरकारी सिस्टम का दिल
पिघल गया और सालों तक टाले जाने वाले काम को केवल 5 घंटों में किया गया। ये सुनने में बहुत अजीब लग रहा है, क्योंकि अपना काम बनाने के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के सैकड़ो चक्कर काटने पड़ते हैं। लेकिन यहां बेटी के
मैसेज से मात्र 5 घंटे में ही काम बन गया।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक अनोखा मामला सामने आया है। एक ओर जहां अधिकारी छोटे छोटे कामों के लिए महीनों नहीं सालों टहलाते हैं वहीं उन्नाव सिटी मजिस्ट्रेट ने एक बेटी की गुहार को सिर्फ सुना ही नहीं मात्र पांच घंटे के अंदर उसकी समस्या भी दूर कर दी।
बीघापुर तहसील के सलेथू गांव के मूल निवासी दिनेश तिवारी शुक्लागंज गंगानगर पोनी रोड में रहते हैं। वो कानपुर में एक कपड़े की दुकान में नौकरी करते हैं। उनकी बेटी की शादी होनी थी। इसके लिए उनके पास सलेथू गांव में पैतृक दो
बीघा खेतिहर भूमि थी। उनकी ये जमीन गंगा एक्सप्रेसवे में चली गई। बीते 25 मई को दिनेश ने भूमि की रजिस्ट्री कर दी थी। उसने ये उम्मीद लगाई थी कि बेटी की शादी से पहले उनको इसका मुआवजा मिल जाएगा इसी कारण उन्होंने
अपनी बड़ी बेटी आरती की शादी 17 जून को फिक्स कर दी। शादी की डेट पास आ गयी, लेकिन मुआवजे का पैसा अभी तक ना आया।
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बेटी की शादी और पिता धन की कमी से परेशान। उम्मीद थी कि गंगा एक्सप्रेस के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन का पैसा मिलेगा और बेटी की शादी धूम-धाम से करेंगे, लेकिन शादी के दो दिन पहले तक पैसा नहीं मिला तो पिता की
बेचैनी बढ़ गई। पिता की बेचैनी देख बेटी ने सिटी मजिस्ट्रेट को व्हाट्सएप पर मैसेज कर अपनी शादी की दुहाई देते हुए राशि दिलवाने की गुहार लगाई।
इसके बाद पिता की परेशानी बढ़ने लगी। जिसको देखकर व्याकुल बेटी ने अपने व्हाट्सएप से सिटी मजिस्ट्रेट को मैसेज द्वारा दुहाई दी। बेटी ने मुआवजे की धनराशि जल्द से जल्द देने की बात कही। बेटी की बातों से सरकारी
सिस्टम पिघल गया और काम में गति आ गयी। अपने मैसेज में बेटी ने लिखा कि मुआवजा न मिलने से मेहमानों का सत्कार, आभूषण व अन्य सामान की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। शादी टलने की नौबत आ गई है।
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बेटी के मैसेज को दिख सिटी मजिस्ट्रेट ने तुरंत सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कराईं और उसी दिन पिता के अकाउंट में 20 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये। इसके बाद बेटी आरती ने फिर मैसेज कर पैसा पहुंचने की जानकारी दी
और शादी बचाने के लिए सिटी मजिसट्रेट को धन्यवाद किया।
बिटिया के मैसेज से सरकारी सिस्टम पिघल गया और रफ्तार ऐसी दिखाई कि पांच घंटे में ही मुआवजे के 20 लाख रुपये खाते में पहुंचा दिए। तय समय में बिटिया की शादी धूमधाम से हुई। बीघापुर तहसील के सलेथू गांव के मूल
निवासी दिनेश तिवारी शुक्लागंज गंगानगर पोनी रोड में रहते हैं। कानपुर में एक कपड़े की दुकान में नौकरी करते हैं।
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