प्रयागराज: संगम तट पर झाड़ फूक के नाम पर अमानवीयता की हदें पार, युवती को पीट-पीटकर प्रेत आत्मा हटाने का नाटक
Prayagraj: The limits of inhumanity crossed in the name of sweeping on the Sangam coast, the drama of removing the phantom soul by beating the girl-
प्रयागराज: L.N.Singh गंगा दहशरा पर संगम तट पर झाड़ फूक के नाम पर अमानवीयता की सारी हदें पार हो गईं। रोक के बाद भी खुलेआम संगम तट पर झाड़ फूंक का खेला होता रहा और एक युवती व तमाम महिलाएं इस
अंधविश्वास का शिकार बनीं। हजारों की भीड़ में अंधविश्वास का खेल चल रहा था और किसी ने रोकने की कोशिश भी नहीं की।
गंगा दशहरा के बीच कुछ अंध विश्वासी भी पहुंचे। छतरपुर से आए एक परिवार की युवती ने जब खुद को बचाने की गुहार लगाई तो लोगों का ध्यान इस ओर गया। ऊपरी साया हटाने के नाम पर पाखंडी एक युवती को बालों से पकड़ कर
खींच रहा था। बीच धारा में ले जाकर न सिर्फ युवती को अमानवीय तरीके से पीटा बल्कि बाल पकड़कर गंगा में जबरन कई डुबकी लगवाई।
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जब प्रत्यक्षदर्शियों ने इसके बारे में पूछा तो युवती के पिता ने कहा कि उसकी बेटी है और परेशान है। लोग मूक दर्शक बने रहे। इसी बीच मामला बढ़ न जाए तो पाखंडी युवती को लेकर दूसरे छोर पर चला गया। वहां युवती को पीट-पीटकर प्रेत आत्मा हटाने का नाटक कर रहा था।
रोक के बाद भी खुलेआम संगम तट पर झाड़ फूंक का खेला होता रहा और एक युवती व तमाम महिलाएं इस अंधविश्वास का शिकार बनीं। हजारों की भीड़ में अंधविश्वास का खेल चल रहा था और किसी ने रोकने की कोशिश भी नहीं की।
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