किसी ने पर्जानिया फिल्म के निर्माता निर्देशक से यह सवाल नहीं पूछा कि आपने आधी अधूरी बात क्यों दिखाई

किसी ने पर्जानिया फिल्म के निर्माता निर्देशक से यह सवाल नहीं पूछा कि आपने आधी अधूरी बात क्यों दिखाई आपने शुरुआत से क्यों नहीं दिखाया कि आखिर गुजरात में दंगे क्यों भड़के
सुना है अब पार्किंग में पत्रकारिता का प्रदर्शन करने वाले विनोद कापड़ी गुजरात फाइल्स बनाने वाले हैं उम्मीद करता हूं कि वह अपनी फिल्म में सब कुछ शुरू से दिखाएंगे यह गुजरात में दंगे क्यों भड़के और वह साबरमती एक्सप्रेस को जलाए जाने का पूरा विवरण भी दिखाएंगे
नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गोधरा कांड (Godhra Kand) एक षड्यंत्र था और इसमें मुख्य षड्यंत्रकारी गोधरा का मौलवी हुसैन हाजी इब्राहिम उमर और ननूमियाँ थे जिन्होंने फालिया एरिया के मुस्लिमों को भड़काकर इस कायरतापूर्ण षड्यंत्र को अंजाम दिया। ये एक सडयंत्र था इसका पता इस इससे चलता है की ट्रेन को जलाने के लिए पहले से ही रज्जाक कुरकुर के गेस्ट हाउस पर 140 लीटर पेट्रोल एकत्रित किया गया। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के अनुसार आग लगने के कारण ज्वलनशील द्रव को कोच के अंदर डालकर आग लगाई गई थी। गोघरा की ये घटना एक सोची समझी साजिश थी
27 फरवरी 2002 कों गुजरात के गोधरा रेल स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस सुबह 7.43 कों पहुची !
जैसे ही ट्रेन आगे जाने के लिये स्टार्ट हुई, मुसलमानों के एक बहुत बड़े हुजूम ने सुनियोजित साजिश के तहत चैन खीचकर इमरजंसी ब्रेक द्वारा ट्रेन को रोक दिया
फ़िर बोगी नंबर S6 और S7 को मुस्लिम भीड़ ने कपलिंग निकालकर ट्रेन से अलग कर दिया और दोनों बोगियों के दरवाजे बाहर से लॉक कर दिए ! इन दोनों बोगियों में अयोध्या से वापिस आ रहे कार सेवक, हिंदू महिलाए और उनके बच्चे थे
स्टेशन पर पेट्रोल के कैन लिये तैयार अन्य मुस्लिमों ने दोनों बोगियों पर पेट्रोल छिडककर आग लगा दी !
एक पेट्रोल पंप से जैरी कैन में पेट्रोल ले जाकर काउंसलर के गेस्ट हाउस में रखते हुए आरोपी सीसीटीवी में कैद हुए पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज से भी सुबूत मिला
बोगी नंबर S7 में से कुछ हिंदू जान बचाकर बाहर निकले, लेकिन बोगी को घेरकर खड़े मुसलमानों नेउन्हें अंदर धकेल दिया
6) बोगी नंबर S6 के सभी प्रवासी जलकर खाक हो गये ! 7) 25 मिनट में कुल 59 प्रवासी, जिनमे कार सेवक, महिला और बच्चे थे, मारे गये ! दौरान वहा खड़े दंगाई मुसलमानों ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाये !
यह सब बातें हैं गोधरा कांड की जांच किए नानावटी कमीशन की है जिन्होंने अपनी रिपोर्ट गुजरात सरकार और गुजरात हाई कोर्ट में जमा किया था
गुजरात दंगों की जिम्मेदार सिर्फऔर सिर्फ कॉंग्रेस सरकार 1॰ आग लगाने वाला और भीड़ को उकसाने वाला म्युनिसिपल काउंसिलर हाजी बिलाल कॉंग्रेस सेही था 2॰ बिलावल का ही साथी तथा म्युनिसिपल अध्यक्ष मोहम्मद कलोटा कॉंग्रेस से ही था जिसने भीड़ को उकसा कर ट्रेन मे आग लगवाई 3॰ शांति लाल पटेल गोधरा से कॉंग्रेस के सांसद थे, परंतु इनकाजिक्र कहीं नहीं आया इस घटनाक्रम मे और ना ही इनका कोई बयान 4॰ राजेंद्र पटेल उस समय शंकर सिंह वाघेला की पार्टी राजपा से विधायक थे और बाद मे इस पार्टी का कॉंग्रेस मे विलय कर दिया गया
साबरमती ट्रेन जलने पर कॉंग्रेस के पूर्व संसद एहसान जाफरी ने मिठाई बाँट कर खुशी मनाई सड़क पर जाती भीड़ पर अपने घर मे कुछ लोगों को अपने पीछे खड़ा करके 12 बोर की बंदूक से गोली चलाना ताकि भीड़ को उकसाया जा सके
मोदी जी के द्वारा 8000 पुलिसकर्मी कम पड़ने पर पड़ोस के राज्यों से मदद मांगने पर उक्त सभी कॉंग्रेस शासित राज्यों द्वारा इन्कार
मोदी जी को उक्त दंगे मे फँसाने हेतु तीस्तावाड़, हर्षमंदर, शबनम हाशमी, संजीव भट्ट इत्यादि को फंड प्रदान करना, इंतेहाँ तो तब हो गई जब तीस्तावाड़ कई मामलों एवं हलफनामों मे गलत पाईं गईं लेकिन उनको दिया जाने वाला पैसा रोका नहीं गया बल्कि और बढ़ा दिया गया अब आगे आपको क्या करना है आप खुद निर्णय लें की म्यूनिसीपल काउंसिलर कॉंग्रेस का, म्युनिसिपल अध्यक्ष कॉंग्रेस का,विधायक कॉंग्रेस का, सांसद कॉंग्रेस का और तो और सड़क पर जा रही भीड़ पर गोली चला कर भीड़ को उकसाने वाला मरहूम पूर्व सांसद भी कॉंग्रेस का था
Jitendra Singh

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