Government’s GST tax embarrassing with Corona rescue equipment and medicines including oxygen to the shroud

ऑक्सीजन समेत कोरोना बचाव के उपकरणों व दवाओं के साथ कफन तक में सरकार का जीएसटी टैक्स शर्मनाक:-

लालगंज प्रतापगढ़। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउटरीच एण्ड कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने कोरोना की भयावह स्थिति को नजरअंदाज कर सरकार द्वारा कफन तक के कपडे में जीएसटी टैक्स लगाने को शर्मनाक ठहराया है।

श्री तिवारी ने कहा है कि इस समय जबकि कोरोना संक्रमण को लेकर लोग जीवन और मौत से जूझ रहे है, तब सरकार ने कफन के लिए बिना सिले कपडे तक में पांच प्रतिशत जीएसटी टैक्स लगाकर अमानवीयता तथा असंवेदनशीलता की सारी हदें पार कर दी है। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद ने कहा कि सरकार द्वारा एक टैक्स की आड़ मे पहली बार बिना सिले कफन के लिए इस्तेमाल होने वाले कपड़े मे भी टैक्स लगा दिया है।

उन्होनें कहा कि जिस ऑक्सीजन के अभाव में लोग तिल तिल कर दम तोडते रहे, उस आक्सीजन कंसंटेªटर पर बारह प्रतिशत तथा पल्स आक्सीमीटर व कोविड टेस्टिंग किट पर भी बारह प्रतिशत तथा थर्मामीटर एवं आरटीपीसीआर मशीन पर भी अठारह प्रतिशत टैक्स लगाना सरकार की तिजोरी भरने की चाहत मे मानवीय संवेदना से परे आचरण साबित कर रहा है।

उन्होनें कहा कि संकट की इस घड़ी में कफन से लेकर दवाओं तक जिनमे पीपी किट पर पांच प्रतिशत तथा एम्बुलेंस सर्विस पर अटठाईस प्रतिशत लग्जरी टैक्स लगाना यह साबित करता है कि भाजपा सरकार धन कमाने के मायामोह में लोगों के जीवन की सुरक्षा तक के प्रति गंभीर नही है। श्री तिवारी ने कहा कि आजाद भारत की यह अजीबों गजीब सरकार सत्ता मे आयी है जो एक तरफ तो लोगांे को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बार बार हाथ धोने की सलाह दे रही है और दूसरी तरफ हाथ धुलने के लिए इस्तेमाल होने वाले हैण्ड सेनेटाइजर तक पर अठारह प्रतिशत का जीएसटी टैक्स का जरूरतमंदो पर बोझ लाद रही है।

उन्होनें पिछले शुक्रवार को जीएसटी काउन्सिल की बैठक का हवाला देते हुए कहा कि कई राज्यों मे कोरोना की दवाओं तथा चिकित्सीय उपकरणों पर कुछ समय के लिए टैक्स माफी का अनुरोध भी किया था। श्री तिवारी के मुताबिक इसके बावजूद सरकार ने संक्रमण की भयावहता से बेपरवाह होकर दो तीन माह के लिए भी स्वास्थ्य सुरक्षा से जुडे अतिसंवेदनशील क्षेत्र को भी जीएसटी टैक्स से नही बख्शा।

प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहले तो सरकार ने प्रशासन के जरिए गंगा किनारे दफनाए गये मृतको के पार्थिव शरीर से कफन हटवाए और अब वह कफन तक पर टैक्स लगाकर गरीब आदमी को मरने के बाद कफन का एक टुकडा भी नसीब नही होने देना चाहती। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद ने ब्लैक फंगस के चलते प्रदेश के नोएडा तथा मुरादाबाद, पीलीभीत में चौवन मरीजों की आंख तक निकालने की स्थिति के बावजूद कें्रद व राज्य सरकार का महामारी के नियंत्रण पर अभी तक कतई जिम्मेदार न होना भी देश के लिए चिंताजनक हालात करार दिया है।

मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से सोमवार को यहां जारी बयान में प्रमोद तिवारी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार गंगा का जलस्तर बढाकर तैरती लाशों की दुर्गति तथा शवों से कफन हटवाकर आंकडो को कम करने के इस प्रकार के असंवेदनशील प्रयास बंद करे और हर हालत में लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में जीवन सुरक्षा की गारण्टी देने के लिए महामारी नियंत्रण का वैज्ञानिक रोडमैप ले आये।

प्रमोद तिवारी ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या होगा कि अब दवा तथा इलाज के अभाव में देश का बहुतायत गरीब तबका कोरोना संक्रमण से अपने स्वजन की मौत के बाद अंतिम संस्कार तक न कर पाने की दयनीय स्थिति में आ खड़ा हुआ है।

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