Aam Aadmi Party submitted a memorandum to release the women of Vikas Dubey’s family from jail:-
प्रयागराज के सिविल लाइन में आम आदमी पार्टी ने जेल में कैद निर्दोष ढाई साल के मासूम सहित 4 महिलाओं की रिहाई के लिए राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन।
प्रदेश भर में आम आदमी पार्टी ने कानपुर के बिकरु कांड में विधि विरुद्ध ढंग से 10 माह से कैद खुशी दुबे समेत 4 महिलाओं और ढाई साल के मासूम की रिहाई के लिए आवाज उठाई।
सभी जिलों में जिला प्रशासन के जरिए राज्यपाल को ज्ञापन देकर मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की गई।ज्ञापन के जरिये आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉ. अलताफ अहमद की ओर से.
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प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को अवगत कराया गया है कि कानपुर के बिकरु कांड में कई महिलाओं को नियम क़ानून को ताक पर रखकर पिछले 10 महीनों से जेल में रखा गया है,
जिसमें नाबालिग ख़ुशी दुबे पत्नी अमर दुबे, अमर दुबे की माँ क्षमा दुबे, विकास दुबे की नौकरानी रेखा अग्निहोत्री व हीरू दुबे की माँ शांति दुबे शामिल हैं।इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है .
कि जब स्वयं तत्कालीन एसएसपी मान चुके हैं की खुशी दुबे निर्दोष है तो उसे किस आधार पर उसे जेल में रखककर जेल में 10 महीने से यातनाएं दी जा रही हैं l
इसी तरह अमर दुबे की मां क्षमा दुबे को भी पिछले 10 महीने से जेल में रखा गया है, पुलिस प्रशासन और सरकार यह बताने में नाकाम है कि अमर दुबे की मां क्षमा दुबे क्यों जेल में बंद है,
उनका बिकरू काण्ड से क्या लेना देना ? मुख्य आरोपित विकास दुबे की नौकरानी रेखा अग्निहोत्री को 2.5 साल के बेटे के साथ, जेल में रखा गया है। रेखा अग्निहोत्री के विरुद्ध भी.
पुलिस कोई ठोस प्रमाण य साक्ष्य देने में नाकाम रही है। किसी के घर में काम करने वाली 2 बच्चों की माँ अपराधी कैसे हो सकती है ? इसका कोई जवाब न तो सरकार के पास है और न ही प्रशासन के पास।
एक अन्य आरोपी हीरु दुबे की माँ शांति दुबे भी पिछले 10 महीनों से जेल में हैं। हीरु दुबे को बिकरू काण्ड में अभियुक्त बनाया गया है, मगर हीरु दुबे की मां को किस अपराध में, किस आधार पर जेल में रखा गया है,
इस संबंध में पुलिस प्रशासन कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाया है।नगर जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा ने कहा उपरोक्त मामलों से यह साफ़ तौर पर जाहिर हो रहा है की उत्तर प्रदेश में .
आदित्यनाथ जी की सरकार प्रतिशोध, दुर्भावना और नफरत के आधार पर काम कर रही है। इसको लेकर लोगों के मन में भारी कष्ट और रोष है। विशेष तौर से महिलाओं के साथ ऐसा जुर्म, ऐसी यातना और ऐसी नफरतपूर्ण कार्यवाही ने सबको हिलाकर रख दिया है।
इस घटना ने देश के संविधान और कानून की मर्यादा को भी तार तार किया है l ज्ञापन में नगर जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा ने राज्यपाल महोदय से कहा है कि.
आप स्वयं एक महिला होने के नाते महिलाओं के दर्द को भली भांति समझ सकती हैं। कृपया इस प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप कर नियम कानून का पालन कराने व उपरोक्त महिलाओं को अतिशीघ्र रिहा करवाने की कृपा करें ।
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